वॉयस ऑफ स्लम ने वंचित बच्चों को सर्दी से बचाने और सुरक्षा का एहसास दिलाने के लिए शुरू किया देशव्यापी अभियान

 

नोएडा, 08 जनवरी 2025:

उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान तापमान शून्य से नीचे गिर जाता है, ऐसे में कई वंचित बच्चे कठोर परिस्थितियों में असुरक्षित महसूस करते हैं, भूख, ठंड और खुले में रहने से जूझते हैं। इस संकट को देखते हुए वॉयस ऑफ स्लम (VoS) ने भारतभर में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों और परिवारों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए “इस सर्दी में, एक बच्चे को गर्म और सुरक्षित महसूस कराने का कारण बनें” अभियान शुरू किया है।

इस अभियान का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ियों में अत्यधिक ठंड का सामना कर रहे बच्चों को प्रतिदिन गर्म भोजन और गर्म कपड़े उपलब्ध कराना है। VoS का लक्ष्य हर दिन 1,000 लोगों को भोजन परोसने और सबसे वंचित समुदायों में रहने वाले 8,000 लोगों को गर्म कंबल, जैकेट और स्वेटर वितरित करने के लिए धन जुटाना है। उत्तर भारत में तापमान -2 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाने के कारण, ये बुनियादी ज़रूरतें ज़रूरतमंद लोगों के लिए जीवन रेखा बन गई हैं।

भारत के गरीब समुदायों में, कई बच्चे ऐसी परिस्थितियों में बड़े होते हैं जहां जीवित रहना हर दिन का संघर्ष है। भोजन और पर्याप्त आश्रय की कमी के साथ सर्दी उनकी कमज़ोरी को और बढ़ा देती है। बच्चों को अक्सर भयानक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से कई शोषण का शिकार हो जाते हैं या ठिठुरन भरी सर्दियों के मौसम में जीवित रहने के लिए अपराध का सहारा लेते हैं।

VoS की सह-संस्थापक चांदनी अपने बचपन को याद करती हैं, जो इसी तरह के माहौल में बीता था। “ठंड हमारे कपड़ों को चीरती हुई आती थी और हमेशा भूख लगती रहती थी। मैं कभी नहीं चाहती कि किसी बच्चे को फिर से उस दौर से गुज़रना पड़े।”

वीओएस के सह-संस्थापक देव कहते हैं, “ये बच्चे अदृश्य नहीं हैं; उनका दर्द वास्तविक है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इन कठोर महीनों के दौरान उन्हें वह गर्मजोशी और देखभाल मिले जिसके वे हकदार हैं।”

“बच्चे को गर्म और सुरक्षित महसूस करवाने का कारण बनें” अभियान के माध्यम से जुटाई गई धनराशि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले ऐसे बच्चों और परिवारों को सर्दियों में आवश्यक सहायता प्रदान करने में खर्च की जाएगी, जिनके पास अक्सर सबसे बुनियादी ज़रूरतों की भी कमी होती है। अभियान के तहत निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी:
● प्रतिदिन 1,000 लोगों को गर्म भोजन: झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले समुदायों में बच्चों को भूख से लड़ने और आवश्यक गर्मी प्रदान करने के लिए पौष्टिक भोजन परोसा जाएगा।
● 8,000 गर्म कंबल और जैकेट: बच्चों और परिवारों को सर्दी से बचाने के लिए उन्हें ठंड से बचाने वाले कंबल, स्वेटर और जैकेट वितरित किए जाएंगे।

यह पहल VoS के चल रहे प्रयासों को भी समर्थन प्रदान करेगी, जिसने अब तक 66 लाख से अधिक बार भोजन परोसा है और दो लाख से अधिक गर्म वस्तुएं वितरित की हैं।

इस सर्दी में, हर दान मायने रखता है। आपके योगदान से, आप किसी बच्चे को मात्र ₹20 में गर्म भोजन उपलब्ध करा सकते हैं या ₹500 के दान से उसे गर्म कंबल खरीदकर ठंड से बचा सकते हैं। आपका सहयोग इन बच्चों के जीवन पर सीधा प्रभाव डालेगा, जिससे उन्हें वह गर्मजोशी, देखभाल और सुरक्षा मिलेगी जिसकी उन्हें सख्त ज़रूरत है।

देव कहते हैं, “हर दान, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, बच्चे के लिए गर्मजोशी और उम्मीद लेकर आता है। जब बच्चे सुरक्षित और देखभाल महसूस करते हैं, तो वे बेहतर भविष्य का सपना देख सकते हैं।”
समर्थक मिलाप के क्राउडफंडिंग प्लेटफ़ॉर्म (धनसंग्रह मंच) के ज़रिए दान कर सकते हैं। जुटाई गई धनराशि सीधे भोजन, कंबल और कपड़ों के वितरण में जाएगी।

चांदनी और देव द्वारा स्थापित वॉयस ऑफ स्लम एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारत में हाशिए पर पड़े झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। वॉयस ऑफ स्लम बच्चों को भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सुरक्षित वातावरण तक पहुंच प्रदान करने के लिए काम करता है, यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें गरीबी और हिंसा के चक्र से बाहर निकलने का अवसर दिया जाए।

सहयोग करने के लिए कृपया https://milaap.org/stories/elp-voice-of-slum-sm पर विजिट करें।

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