भाजपा समेत अधिकतर राजनीतिक दलों के कार्यालय के आसपास ही बना कांग्रेस मुख्यालय
-रितेश सिन्हा
कांग्रेस अपने नए आशियाने की तरफ बढ़ चली। अब कांग्रेस को 9ए कोटला रोड स्थायी पता मिल चुका है। यूं कांग्रेस दिल्ली में कई बार पते बदले। लगभग 45 वर्षों के अधिक समय के बाद 24 अकबर रोड को छोड़ने का मन बना चुकी है। अब आधिकारिक रूप से कांग्रेस का नया पता दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर आ गया है। 15 जनवरी को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी कांग्रेस के नए मुख्यालय का उद्घाटन करेंगी जिसे अब ’इंदिरा भवन’ के नाम से पहचाना जाएगा। इसी सड़क पर स्थित दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन के सामने पड़ता है। कांग्रेस ने अपने शासनकाल के दौरान इस जमीन का आवंटन कराया था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से बचने की कवायद में एक प्लॉट को रद्द करते हुए रास्ते के नाम पर कोटला रोड से जोड़ते हुए सड़क का हिस्सा बना दिया था। कांग्रेस जनसंघ के जननायक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से इसको जोड़ना नहीं चाहती थी। कांग्रेस के सरकार में लौटने व निगम में बहुमत मिलने पर कोटला रोड को किसी कांग्रेसी के नाम पर रख दिया जाएगा।
भाजपा समेत अधिकतर राजनीतिक दलों के कार्यालय इसके आस-पास हैं। कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं और आम लोगों के लिए अपने रास्ते बंद करने की कवायद में है, जिसे सुरक्षा के बहाने से छिपाया जा रहा है। अब 24 अकबर रोड के मुकाबले आम कांग्रेसी के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल के अनुसार 15 जनवरी, 2025 को सुबह 10 बजे, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में सोनिया गांधी नए एआईसीसी मुख्यालय इंदिरा गांधी भवन का उद्घाटन करेंगी। इस भवन की नींव बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रखी थी। सूत्रों ने बताया कि लगभग 400 लोगों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है जिसमें कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य, स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्य, कांग्रेस संसदीय दल के पदाधिकारी, एआईसीसी पदाधिकारी, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख, सीएलपी नेता, सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित अनेक वरिष्ठ नेता शामिल हैं। वेणुगोपाल के अनुसार 9ए, कोटला मार्ग’ पर स्थित इंदिरा गांधी भवन को पार्टी और उसके नेताओं की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें प्रशासनिक, संगठनात्मक और रणनीतिक कार्यों में सहयोग करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं।
भाजपा के बाद कांग्रेस दूसरा राजनीतिक दल है जिसकी एक छत के नीचे हाईटेक कार्यालय बनाया गया है। आवागमन के साधनों में मेट्रो, बस के अलावा दिल्ली के तीनों प्रमुख रेलवे स्टेशनों से यह कार्यालय आसानी से पहुंचा जा सकता है। देश की आजादी के लंबे समय के बाद कांग्रेस अपना राष्ट्रीय कार्यालय और स्थाई पता बना सकी है। इसके पूर्व स्वर्गीय राजीव गांधी के समय में भी रायसीना रोड स्थित जवाहर भवन को बनाने के पीछे भी यही अवधारणा थी, लेकिन उनकी असामयिक मृत्यु के बाद इस भवन को राजीव गांधी फाउंडेशन बनाकर कांग्रेस से अलग एक एनजीओ को रूप दे दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष व नरसिम्हा राव ने भी इसका प्रतिरोध नहीं किया था। शुरुआत में प्रशासन, लेखा और कुछ अन्य कार्यालय नए भवन में स्थानांतरित होंगे। कांग्रेस के विभिन्न अग्रिम संगठनों में महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस और एनएसयूआई और पार्टी के विभाग और प्रकोष्ठ के कार्यालय भी नए परिसर में स्थानांतरित किए जाएंगे। 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद दिल्ली में 24, अकबर रोड बंगले को एआईसीसी मुख्यालय में बदल दिया गया था।
फरवरी 2018 में भाजपा दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर अपने मुख्यालय के बावजूद भी 11 अशोक रोड और 14, पंडित पंत मार्ग पर संगठन का काम कर रही है। कांग्रेस भी उसी तर्ज पर 9ए कोटला रोड पर अपने मुख्यालय के बावजूद भी अकबर रोड और रायसीना रोड पर कब्जा बरकरार रखेगी। इन बंगलों खाली करने के दोनों दलों की तरफ से कोई संकेत नहीं है। 24 अकबर रोड से कांग्रेस ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। अकबर रोड खासा चर्चित रहा है। कांग्रेस अपने स्थापना दिवस पर नए मुख्यालय में प्रवेश करने की पिछले तीन-चार सालों से कवायद कर रही थी, लेकिन मलमास की वजह से हर बार मामला रूकता चला गया। कुछ सरकारी अधिकारी अकबर रोड स्थित कांग्रेस दफ्तर को सील करने पहुंचे थे जिसके बाद आनन-फानन में कांग्रेस ने ये फैसला ले लिया। यही वजह रही कि तत्काल कांग्रेस को यह घोषणा करनी पड़ी। दबी जुबां से बात तो निकली मगर आधिकारिक तौर पर कोई इस बात की पुष्टि करने के लिए नहीं आगे आया। देखना है कि खुले मैदान वाला 24 अकबर रोड के बाद कार्पोरेट ऑफिस की तरह बना कांग्रेस का नया मुख्यालय फिर से पुरानी रौनक को बरकरार रख पाएगा, इसको लेकर अभी से कयास लगने शुरू हो गए हैं।