युद्धपोत आईएनएस सूरत और आईएनएस नीलगिरि एवं वाघशीर पनडुब्बी  को आज भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया

मुंबई,

युद्धपोत आईएनएस सूरत और आईएनएस नीलगिरि एवं वाघशीर पनडुब्बी  को आज भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना के तीन महत्वपूर्ण युद्धपोत आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी को देश को समर्पित किया गया।

ये तीनों स्वदेशी निर्माण का एक बेहतरीन उदाहरण भी हैं। ये तीनों मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड  में डिजाइन और बनाए गए हैं। इनमें आईएनएस सूरत एक स्टेल्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं और आईएनएस नीलगिरि प्रोजेक्ट 17ए की पहली स्टेल्थ फ्रिगेट है। वहीं, आईएनएस वाघशीर एक स्कॉर्पीन-क्लास सबमरीन है।

आईएनएस सूरत की नींव 7 नवंबर 2019 को रखी गई थी और 17 मई 2022 को इसे लॉन्च किया गया था। यह भारतीय नौसेना की अब तक की सबसे तेजी से निर्मित स्वदेशी डिस्ट्रॉयर है।

आईएनएस सूरत युद्धपोत 7,400 टन के डिस्प्लेस्मेंट के साथ आता है और इसकी लंबाई 164 मीटर है। इस पर सतह-से-सतह और सतह-से-हवा मिसाइलों, टॉरपीडो और अन्य हथियारों को लगाया गया है तथा स्टेल्थ फीचर्स और उन्नत रडार सिस्टम से लैस है।

दूसरे युद्धपोत नीलगिरि ने अपने समुद्री परीक्षण अगस्त 2024 में शुरू किए और सभी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किए हैं। इस शिप का 6,670 टन का डिस्प्लेस्मेंट है और लम्बाई 149 मीटर है।

नीलगिरि को ब्लू वॉटर ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें रडार सिग्नेचर को कम करने के लिए विशेष डिजाइन का उपयोग किया गया है। इसमें सुपरसोनिक सतह-से-सतह मिसाइल ओर मीडियम रेंज सतह-से-हवा मिसाइल लगाई गई है। इसके साथ ही इसमें रैपिड फायर क्लोज-इन वेपन सिस्टम लगाए गए हैं।

आईएनएस वाघशीर

वाघशीर पनडुब्बी को मॉड्यूलर निर्माण तकनीक के तहत बनाया गया है, जिससे इसकी भविष्य की क्षमताओं को उन्नत करना आसान हो जाता है। यह 67 मीटर लंबी और 1,550 टन वजनी है। इसमें वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और उन्नत सोनार सिस्टम लगाए गए हैं।

इन सभी को नौसेना को समर्पण के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत पूरे विश्व और खासकर ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी के रूप में पहचाना जा रहा है। भारत विस्तारवाद नहीं, भारत विकासवाद की भावना से काम करता है। 21वीं सदी के भारत का सैन्य सामर्थ्य भी अधिक सक्षम और आधुनिक हो, ये देश की प्राथमिकताओं में से एक है।  जल हो, थल हो, नभ हो, समुद्र की गहराई हो या फिर असीम अंतरिक्ष हर जगह भारत अपने हितों को सुरक्षित कर रहा है। इसके लिए निरंतर रिफॉर्म किए जा रहे हैं।

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