– अपने सामने फाइलेरिया कि दवा का एडमिनिस्ट्रेशन सुनिश्चित करवाएं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी : एडीएम
– अगले 17 दिनों तक जिला के सभी सात प्रखंड में लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा
खगड़िया।
सोमवार को सदर अस्पताल के जीएनएम स्कूल के प्रांगन में वहाँ के छात्र -छात्राओं सहित अन्य लोगों के साथ खुद फाइलेरिया कि दवा का सेवन कर एडीएम आरती ने सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम एमडीए अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो, कर्मचारियों और डेवलपमेंट पार्टनर के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए एडीएम आरती ने बताया कि आप लोग यह सुनिश्चित करें कि पूरे अभियान के दौरान सभी लोग आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सामने ही फाइलेरिया कि दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन करें। किसी भी स्थिति में दवाओं का डिस्ट्रीब्यूशन नहीं हो हर स्थिति में दवा का एडमिनिस्ट्रेशन सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने बताया कि एमडीए अभियान के अंतिम तीन दिनों तक स्कूलों में बूथ लगाकर कर स्कूली बच्चों और शिक्षकों को फाइलेरिया कि दवा का सेवन कराया जाना है। एवं पहले 14 दिनों तक आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से घर- घर जाकर लोगों को फाइलेरिया कि दवा का सेवन कराया जाना है।
इस दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, एक सप्ताह के मां बनने वाली महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को फाइलेरिया कि दवा का सेवन नहीं कराना है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिले में लगभग 20 लाख से अधिक लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आप लोगों को यह सुनिश्चित करना है कि निर्धारित लक्ष्य को हर स्थिति में प्राप्त किया जाए । इसके लिए आप सभी लोग मिशन मोड में काम करें।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि इस वर्ष जिला के सभी सात प्रखंड में रहने वाली 24,08,880 कि आबादी में से 20,47,523 लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए जिला भर में कुल 916 ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन टीम बनाई गई है।
इसमें कुल 1532 आशा कार्यकर्ता, 111 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 183 वोलेंटियर और 87 सुपरवाइजर को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि जिला भर में हेल्थ फैसिलिटी और स्कूल स्तर पर कुल 842 बूथ बनाया गया है। उन्होंने बताया कि दो वर्ष से 5 वर्ष तक उम्र के बच्चों को डीईसी कि एक टैबलेट, 6 से 14 वर्ष तक बच्चों को 2 टैबलेट्स और 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी कि तीन टैबलेट्स दी जानी है। इसके अलावा सभी उम्र के लोगों को अल्बेंडाजोल कि एक टैबलेट खिलाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि अल्बेंडाजोल कि टैबलेट्स को चबाकार खाना है जबकि डीईसी कि दवा को पानी के लेना है। उन्होंने बताया कि किसी भी स्थिति में खाली पेट में फाइलेरिया कि दवा नहीं खानी है।
इस मौके पर डीवीडीसीओ डॉ विजय कुमार, सदर ब्लॉक के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीएम प्रभात कुमार राजू, डीसीएम सुब्रत दास, वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर मोहम्मद शाहनवाज, वेक्टर बोर्न डिजीज सलाहकार बबलू कुमार साहनी, सदर हॉस्पिटल प्रबंधक प्रणव कुमार अली गोहर, पिरामल के डिस्ट्रिक्ट लीड सेराज हसन, प्रोग्राम लीडर करण कुमार, यूनिसेफ के प्रतिनिधि, बीएचएम, बीसीएम आदि उपस्थित थे l