नई दिल्ली।
इस साल में सड़कों से डीटीसी की 1932 पुरानी बसें हट जाएंगी। अब भाजपा सरकार के सामने पर्याप्त बसें उपलब्ध कराने की चुनौती खडी हो गई है। दिल्ली सरकार इस वित्तीय वर्ष में 2560 नई ई-बसें लाने की तैयारी कर रही है जिससे बस में सफर करने वालों को कोई कठिनाई न हो।
दिल्ली में चार क्लस्टर के सात डिपो में चल रहीं 997 बसें भी 15 अप्रैल के बाद सड़कों से हट सकती हैं। परिवहन विभाग का इन चार क्लस्टर के संचालन के लिए डिम्ट्स के साथ हुआ अनुबंध 15 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। इसके बाद इन बसों का संचालन कौन करेगा, अभी तय नहीं हो पाया है। ये अनुबंध बीते साल जून में ही समाप्त हो गया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने डिम्ट्स के अनुबंध को नौ माह का विस्तार दे दिया था। यह अवधि अब अप्रैल में समाप्त हो जाएगी।
बसों की कमी का असर शहर की यातायात व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। बसें कम होने के चलते लोग निजी वाहनों का सहारा ले रहे हैं , इससे सड़कों पर जाम लगता है और लाेग इससे भी परेशान होते हैं।
इससे परेशान होने पर दिल्ली में निजी वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है और सड़कों पर भी इसका असर देखा जा रहा है। निजी वाहनों की संख्या बढ़ने से दिल्ली में प्रदूषण प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली में होने वाले कुल प्रदूषण में 40% वाहनों से होने वाला प्रदूषण शामिल है।