देश विरोधी ताकतो का कैसे बढता है मनोबल

केजरीवाल क्यों खडा है शाहीन बाग के साथ?????

सत्ता वापसी का पक्का भरोसा कैसे????

और कौन कौन है छुपे देश विरोधी???

जानिए पूरा सच
वह कहता है कि मुर्गी का सर (पूर्वोत्तर भारत) हमारा है। शाहीन बाग में तिरंगा लेकर बैठी भीड़ उसका समर्थन करती है। बुद्धिजीविता के ठेकेदार उसका विरोध नहीं करते, वामपंथ का आधुनिक झंडाबरदार उसे अपने साथ ले कर घूमता है।

वे मीडिया के बड़े. प्रसिद्ध चेहरों को दौड़ा-दौड़ा कर मारते हैं, पर किसी को इसमें लोकतंत्र की हत्या नहीं दिखती। किसी को मीडिया पर हमला नजर नहीं आया ၊ किसी टीवी चैनल ने इस पर बहस नही चलाई ၊
कोई मुँह नहीं खोलता, कहीं डिबेट नहीं होती, किसी को बुरा नहीं लगता।
फर्जी सेक्युलरिज्म के दावों के बीच आप इन दो विचारों में अंतर निहारिये, देश हमारे लिए माता है, उनके लिए मुर्गी।
असम हमारे लिए कामाख्या भगवती की डीह है, उनके लिए मुर्गी का सर…????

मोदी के एक विधेयक ने फर्जी सेक्युलरिज्म की पोल खोल दी है। मुनव्वर राणा जैसे सेक्युलरिज्म के स्थापित ब्रांड-अम्बेसडर एक झटके में नङ्गे हो गए हैं।
उनका सेक्युलरिज्म यह है कि भारत में लाखों निर्दोष हिन्दुओं की हत्या कराने वाला, असँख्य मंदिरों को तोड़ने वाला औरंगजेब उन्हें केवल इसलिए पसन्द है क्योंकि वह स्वयं अपने लिए खिचड़ी बनाता था।

इस देश की अस्मिता को खतरा ओवैशी से नहीं है, खतरा मुनव्वरों से है। ओवैसी साफ बोलता हैं, स्पष्ट दिखता है, पर मुनव्वर छिप के खेलते हैं। 1947 में विभाजन के लिए केवल जिन्ना ही दोषी नहीं थे, विभाजन की प्राथमिक परिकल्पना उस महान शायर इकबाल की थी जो ‘कभी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’ गाया करते थे।

शाहीन बाग जैसे देश-द्रोही आंदोलनों को ऊर्जा देश का आम अल्पसंख्यक नहीं दे रहा है, ऊर्जा मुनव्वर राणा, सैफ अली खान , कन्हैया कुमार, रबिश कुमार, स्वराभास्कर, शबाना आजमी, कपिल सिब्बल, मणिशंकर अय्यर, शाशि थरूर, अरविंद केजरीवाल, मनीश सिसोदिया जैसे शातिर चेहरे दे रहे हैं। सबका एजेंडा साफ हो चुका, सबका लक्ष्य क्लियर दिख रहा है कि हिन्दूओं को बांटों, मुस्लिमों को भडकाओं, अटकाओं , हिंसा कराओ और यदि पुलिस कार्यवाही करे तो मानवाधिकार की दुहाई देकर सरकार और सुरक्षा बलों को कटघरे में खडा करो ၊
छह महीने पूर्व तक दलितों के हितैषी बनने वाले लोग खुल कर CAA के विरुद्ध आ चुके हैं, जबकि इस कानून से जिन पाकिस्तानियों को लाभ मिलना है वे सब दलित हैं। इनके दलित-चिंतन की पोल खुल चुकी है ၊
दलित नेताओं को लगता है कि यदि उन्होंने CAA का विरोध नहीं किया तो उनके हाथ से मुस्लिम वोट निकल जाएगी , रही बात दलित वोटों की , तो मायावती, चन्द्रशेखर रावण जैसे लोग जानते हैं कि दलितों का सपोर्ट उन्हें मिल ही जाएगा, चाहे वो उनके बारे में कुछ करें या नहीं , तो सवाल ये भी है कि दलित नेताओ को भी मुस्लिमों की चिंता है , तो क्या वे दलितों को मूर्ख समझ रहें है क्या ??? कि वो देश विरोधी लोगों के साथ खडे होंगें और दलित तब भी उनके ही साथ खडा रहेगा??????

मोदी के एक वार ने ही सारे देशद्रोहियों के चेहरों की नकाब खींच दी है।
स्वागत कीजिये नए भारत का… अब यहाँ हर व्यक्ति वैसा ही दिखता है, जैसा वह है… शायद सत्तर वर्षों में पहली बार लोकतंत्र सफल हुआ है।
अंत में एक बात और बता दूं , किसी ने मुझसे सवाल किया कि त्यागी जी ये बबाल. इसलिए हो गया क्योंकि मोदी जी ने एकदम जल्दी जल्दी देशहित के फैसले करने शुरु कर दिए इसके बजाए धीरे धीरे एक एक करके कानून लाते तो इतना विरोध न होता , तो मैनें कहा कि मोदी जी दिल्ली का हाल देख रहें है , जहां कुछ चीजे फ्री करके देश के टुकडे करने वाली विचारधारा के साथ खडे केजरीवाल को लोग जिताने के लिए उसके साथ चल रहें हैं , तब इस स्वार्थी हिन्दू का क्या भरोसा है कि अगली बार मोदी को भी वोट देंगें कि नहीं ???.

देश के लोग चाहतें हैं कि युवाओं को रोजगार मिले, महगाई कम हो , पर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू नहीं करने देंगें ?..
NRC नहीं होगी तो 2 करोड बंगलादेशी घुसपैठिए कैसे देश के बाहर जाएंगें?? .
ये तब मोदी जी भी तभी कर पाएंगे, जब उनके पास दोनों सदनों में बहुमत होगा ၊
राज्यसभा का बहुमत राज्य के विधायकों की वोट से होता है
राज्यों के चुनाव में हम पाकिस्तानी नारों के जाल में फंसकर राज्यों में भाजपा सरकार नहीं बनाएंगे , तब देश की रक्षा मोदी जी कैसे करेंगें?????

आज सिद्ध हो गया कि जिन जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें नहीं हैं वहीं CAA के विरोध के नाम पर दंगे ज्यादा हुए और सरकारों ने भी कानून के विरोध में खुलकर दंगाइयों का साथ दिया ၊
दिल्ली में केजरीवाल अपनी सत्ता में वापसी आने के बारे में पूरी तरह आश्वस्त है क्योंकि उसका मानना है कि दिल्ली के 17% मुस्लिम, दलित , बिजली पानी के लालची हिंदू , फ्री तीर्थ करने वाले बुजुर्ग , फ्री यात्रा की लालची औरतें, फ्री वाईफाई के लालची छात्र मुझे ही वोट देंगें ၊
दूसरी तरफ भाजपा है , जिसको भरोसा है उन लोगों पर जो देशहित के कामों और ईमानदार शासन देनें के कारण उसे वोट करेंगे, किन्तु भाजपा को शायद निराशा ही हाथ लगेगी,अभी तक के सर्वे से मुझे यही दिख रहा है ၊

डा० पवन त्यागी
स्वतंत्र लेखक एंव पत्रकार
फोन.9968304899

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