भारत की तरफ से बांग्लादेश को दी जाने वाली ट्रांसशिपमेंट सुविधा को बंद, बांग्लादेश की हालत हुई खस्ता

नई दिल्ली।

भारत की तरफ से बांग्लादेश को दी जाने वाली ट्रांसशिपमेंट सुविधा को बंद कर दी गई है जिससे बांग्लादेश की हालत खस्ता हो गई है। बांग्लादेश इस सुविधा का इस्तेमाल करते हुए भूटान नेपाल और म्यांमार जैसे देशों को अपना सामान बेचता था। इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिलती थी। बांग्लादेश का सामान ज़मीन के रास्ते भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों तक पहुंचता था और फिर इसे आगे पहुंचाया जाता था। भारत ने बिना किसी टैरिफ के बांग्लादेश को यह सुविधा दी हुई थी, लेकिन अब इसे बंद करने से बांग्लादेश को काफी नुकसान होगा।

बांग्लादेश में तख्तापलट होने और शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जो अत्याचार शुरू हुए वो यूनुस के अंतरिम सरकार का लीडर बनने के बाद भी जारी रहे। भारत सरकार के इस मामले पर बांग्लादेश अंतरिम सरकार से एक्शन लेने की मांग का भी कोई फायदा नहीं हुआ, जिससे दोनों देशों के संबंधों में दरार पड़ गई। भारत ने भी शेख हसीना को शरण दे रखी है और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इसके खिलाफ है। इस वजह से भी दोनों देशों के संबंधों में दरार और बढ़ गई। संबंधों में दरार और यूनुस के इस पूरे मामले के विषय में रवैये को देखते हुए ही भारत ने यह कदम उठाया है।

बांग्लादेश-चीन के संबंधों में मज़बूती लाने और दोनों देशों की ट्रेड सेक्टर में पार्टनरशिप को बढ़ाने पर भी दोनों ने चर्चा की थी। इस दौरान यूनुस ने भारत पर भी निशाना साधा और नॉर्थईस्ट के ‘7 सिस्टर्स’ स्टेट पर विवादित बयान देते हुए कहा कि ये सातों राज्य भूमि से घिरा क्षेत्र है। ऐसे में उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है और बांग्लादेश इस क्षेत्र में ”समुद्र का एकमात्र संरक्षक” है। भारत की तरफ से यूनुस के इस बयान की निंदा भी की गई थी। यह सब देखते हुए भी भारत ने बांग्लादेश को दी जाने वाली ट्रांसशिपमेंट सुविधा बंद कर दी है।

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