गुजरात के सालंगपुरधाम स्थित श्री कष्टभंजनदेव हनुमानजी मंदिर में दादा के दरबार में श्री हनुमान जयंती महोत्सव का भव्य आयोजन

सालंगपुरधाम, गुजरात।

सालंगपुरधाम स्थित श्री कष्टभंजनदेव हनुमानजी मंदिर में दादा के दरबार में श्री हनुमान जयंती महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। आज सुबह मंगला आरती के दौरान लाखों श्रद्धालु मंदिर परिसर में उमड़ पड़े और भव्य आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद शृंगारिक आरती की गई, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने दादा की आरती में भाग लिया। इस दौरान हनुमानजी ने स्वर्ण वाघा पर भक्तों को दर्शन दिए। गौरतलब है कि हनुमान जयंती के दिन कष्टभंजन देव दादा के दर्शन के लिए 7 से 10 लाख भक्त सालंगपुर हनुमानजी मंदिर में एकत्रित हुए।

सामूहिक मारुति यज्ञ में 1000 श्रद्धालुओं ने आसन पर बैठकर लाभ उठाया

इस बीच सुबह सात बजे सामूहिक मारुति यज्ञ का भी आयोजन किया गया। आज हनुमान जयंती के दिन दादा के दरबार में सामूहिक मारुति यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें दोपहर 12:00 बजे वड़ताल गादी पीठाधिपति प.पू.धू.1008 आचार्य महाराज श्री राकेश प्रसादजी द्वारा यज्ञ में श्रीफल होमी पूर्ण की गई। संतों और 1,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने यज्ञ में भाग लिया। देश के विभिन्न भागों से आये 50 से अधिक ब्राह्मणों ने इस यज्ञ में भाग लिया। मंदिर की यज्ञशाला में श्री हनुमत बीज मंत्र अनुष्ठान, वेद अनुष्ठान, पंचमुखी सामूहिक मारुति यज्ञ का आयोजन किया गया।

सामूहिक महासंध्या आरती एवं अन्नकूट सहित कार्यक्रमों का आयोजन

आज सुबह पांच बजे मंगला आरती के दौरान कष्टभंजनदेव का भव्य आतिशबाजी के साथ स्वागत किया गया। सुबह 7.30 बजे 51,000 गुब्बारे गिराकर भक्तों का स्वागत किया गया। 250 किलो का केक काटने के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान हनुमान की भक्ति में डीजे की धुन पर नृत्य किया।

 

पंचमुखी हनुमानजी की भव्य शोभा यात्रा निकली

हनुमान जयंती के पावन अवसर पर सुबह 7.30 बजे राजोपचार पूजा की गई। जिसमें कष्टभंजनदेव पर 1008 किलो फूलों से भव्य अभिषेक किया गया। शाम चार बजे कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें ठाकोरजी को 4 हाथियों की पीठ पर बैठाया गया था। हजारों भक्तों ने दादा के लिए अभिषेक का जल अपने सिर पर रखा। 251 महिला-पुरुष भक्तों ने दादा को साड़ी पहनाकर प्रसन्न किया। 108 बच्चों ने दादा की विजयी पताका लहराई। इस अवसर पर अफ्रीकी सिदी नृत्य ने काफी ध्यान आकर्षित किया। इसके अलावा डी.जे. नासिक ढोल, बैण्डवाजा आदि संगीत समूहों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर संतों द्वारा श्रद्धालुओं को 251 किलो फूल और 25,000 चॉकलेट भेंट की गईं।

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