जयंती समारोह में डॉ. अविनाश कुमार को मिला ‘आउटस्टैंडिंग एम्प्लॉयी अवॉर्ड 2024″
नवादा:
बिहार के नवादा जिले के हिसुआ प्रखंड की प्रोफेसर कॉलोनी की एक संकरी गली से शुरू हुआ एक सफ़र आज वैश्विक विज्ञान मंच की मंजिल तक पहुँचा है। राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र , गोवा में वैज्ञानिक ‘ई’ के पद पर कार्यरत डॉ. अविनाश को संस्थान की 25वीं वर्षगांठ पर ‘आउटस्टैंडिंग एम्प्लॉयी अवॉर्ड 2024’ से सम्मानित किया गया है। यह सिर्फ़ डॉ. अविनाश की एकाकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि एक छोटे शहर में रहने वाले युवाओं के लिए संघर्ष एवं कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिलने की उम्मीद को प्रेरित करने का जीवंत मिशाल भी है.
यह समारोह 3 से 5 अप्रैल,2025 तक आयोजित हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री डॉ. हर्ष के. गुप्ता (पूर्व सचिव, समुद्र विकास विभाग) और पद्मश्री डॉ. शैलेश नायक (पूर्व सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय) जैसे प्रख्यात वैज्ञानिक शामिल रहे।
यह पुरस्कार सिर्फ मेरा नहीं, मेरी जड़ों का है:
सम्मान ग्रहण करते समय डॉ. अविनाश ने अपने दिल की बात रखते हुए कहा- “मैं जहां हूं, वो मेरी मेहनत से ज़्यादा मेरे परिवार, गुरुजनों और उस मिट्टी की देन है जहां मैंने पहला कदम रखा। यह पुरस्कार मेरी मां की ममता, पिता के संघर्ष, भाइयों के विश्वास, गुरुजनों की सीख एवं मेरे समस्त मित्रों का हौसला और समाज की दुआओं का प्रतीक है। मैं सबका आभारी हुँ। मैं युवाओं को यह संदेश देना चाहता हूं कि अगर सपना बड़ा हो और इरादा मजबूत, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। हिसुआ जैसे छोटे शहर की गलियों से निकलकर अंटार्कटिक के बर्फीले क्षेत्रों से गुजरते हुए वैश्विक मंच तक पहुँचना —यह सफर मेरे मिट्टी की ताक़त को दर्शाता है।”
मेहनत और अनुशासन सफलता की कुंजी:
डॉ. अविनाश के पिता श्री अमर नाथ राव ने गर्व से कहा, “हमारा बेटा आज देश का नाम रोशन कर रहा है, यह हर पिता के लिए गर्व की बात है। अविनाश बचपन से ही मेहनती और अनुशासित था। उसका यह सम्मान पूरे हिसुआ एवं नवादा जिले के लिए सम्मान है।”
राजगीर के सरकारी अस्पताल में चिकित्सक के पद पर कार्यरत बड़े भाई डॉ. शिशुपाल राव ने कहा, “जब भी हम बात करते थे, वह हमेशा कहता था —‘मुझे देश के लिए कुछ बड़ा करना है।’ आज उसका सपना सच होता देख हमारी आंखें नम हैं।”
विज्ञान की दुनिया में कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान:
डॉ. अविनाश को यह सम्मान उनके ध्रुवीय और समुद्री अनुसंधान, विशेषकर आर्कटिक व अंटार्कटिक क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन और समुद्री-आकाशीय अंतःक्रियाओं पर किए गए अद्भुत कार्य के लिए मिला है।
उनकी प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
-विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता के लिए ‘अटल विज्ञानिक शिखर सम्मान 2020’
-भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से 2021 में ‘Certificate of Merit’
-कोरियन पोलर रिसर्च इंस्टिट्यूट (KOPRI) का एशियन फेलोशिप अवॉर्ड 2020
-आर्कटिक समुद्री-बर्फ पर उनके शोध के लिए 2019 में अंतरराष्ट्रीय बेस्ट पेपर अवॉर्डएक छोटे शहर से निकलकर जब कोई ध्रुवीय बर्फ में अपने देश का परचम लहराता है, तो वह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, पूरी पीढ़ी की उम्मीद बन जाता है। डॉ. अविनाश की यह उड़ान उन तमाम युवाओं के लिए रौशनी है, जो छोटे कस्बों से बड़े ख्वाब देखते हैं।