— धरना—प्रदर्शन के नाम पर वेव सिटी के कर्मचारियों से कर रहे हैं बदसलूकी
— प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति हुआ गंभीर रुप से घायल
— न्यायालय के आदेश को नहीं मान रहे हैं प्रदर्शनकारी
गाजियाबाद।
देश की सर्वेश्रेष्ठ हाईटेक सिटी बनने जा रही वेव सिटी के विकास कार्यों में अराजक तत्व समझौते की शर्त न मानकर बाधा पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। प्रदर्शन के नाम पर तथाकथित किसान नेता वेव सिटी के कर्मचारियों के साथ बदसलूकी कर रहे हैं। रविवार को भी प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति के गंभीर रुप से घायल होने की खबर है।
सबसे रोचक तथ्य यह है कि ये प्रदर्शनकारी न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना कर रहे हैं। जिसमें न्यायालय ने हाईटेक सिटी प्रतिरोध आंदोलन समिति तथा उसके सहयोगियों को आदेशित किया है कि कंपनी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों में किसी तरह की बाधा न पहुंचाए। लेकिन प्रदर्शनकारी न्यायालय के आदेश को नहीं मानने को तैयार हैं। विगत कई दिनों से वेव सिटी से कई ऐसे प्रकरण सामने आ रहे हैं जिससे वहां के लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को भी प्रदर्शनकारियों ने 8 घंटे तक 57 मीटर की मुख्य सड़क को बाधित किया जिससे कि आवागमन अवरुद्ध रहा और इस दौरान एक व्यक्ति घायल भी हो गया। वेव सिटी में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि छोटे समूह में कुछ तथाकथित किसान नेता आकर जबरन गेट पर नारेबाजी करने लगते हैं और कर्मचारियों के साथ अभ्रदता करते हैं। जबकि वेव ग्रुप प्रबंधन का दावा है कि किसान समझौतों की शर्तों को सिरे से नकार रहे हैं और लगातार ब्लैकमेल कर जबरन धन उगाही करना चाहते हैं।
वेव सिटी के चीफ आपरेटिंग आफिसर श्री सीजे सिंह का कहना है कि समझौते की शर्तों को 2014 में कंपनी ने मान लिया जो समय सीमा निर्धारित थी उसमें हमने पूरा कर दिया। समझौते के बिंदु संख्या तीन को हम इसलिए नहीं मान रहे हैं कि इसकी समय सीमा खत्म हो गई है। 11 साल बाद फिर यह मांग क्यों उठ रही है यह समझ से परे है।
जानकारी के मुताबिक कंपनी की ओर से 25 मई 2014 को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता में हाईटेक सिटी विकासकर्ता कंपनी के प्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारीगण एवं हाईटेक सिटी के गांव महरौली, सादिकपुर, काजीपुरा, बयाना, नायफल, शाहपुर बम्हैटा, इनायतपुर, आरिफपुर व सादतनगर इकला के समस्त किसानों ने भाग लिया। जिसमें सर्वसम्मति से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। समझौता पत्र के मुताबिक विकासकर्ता कंपनी के विकास कार्यों को निर्बाध रुप से पूर्ण किए जाने के लिए सभी किसान एवं किसान प्रतिनिधि सहयोग करेंगे एवं किसी भी स्थिति में विकास कार्यों में कोई व्यवधान नहीं करेंगे। लेकिन उक्त समझौतों के बावजूद आए दिन किसानों के प्रदर्शन एवं अराजकता फैलाने जहां विकास कार्य बाधित हो रहा है वहीं स्थानीय लोग भी खौफ में जी रहे हैंं।