इस देश का दुर्भाग्य ना कहे तो और क्या कहें? जो यहां के इतिहासकारों ने इतिहास में भी झूठ भर दिया ऐसी कौन सी परेशानियां थी? ऐसी कौन सी बाधाएं थी? जिसके कारण सारे इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई झूठा इतिहास घड़ा गया। सच को दबाने का भरपूर प्रयास किया गया। लेकिन कुछ लोगों ने सच को ढूंढ निकाला विदेशी पत्रकारों ने, विदेशी साहित्यकारों ने, विदेशी इतिहासकारों ने हमारे देश की संपत्ति को, संपदा को, धरोहरों को समझा, उनका अध्ययन किया और उनके साथ लिखे हुए झूठ का पर्दाफाश भी किया। लेकिन हमारी सरकारें नहीं जागी। आज भी वह सिलसिला जारी है।
भारत के भोले भाले नागरिकों के साथ मुगल काल से अंग्रेजों तक धोखा हुआ तो कोई बात नहीं लेकिन आज की सरकारें स्वतंत्र भारत की सरकारों ने भी इतिहास के साथ धोखा किया और उस धोखे को कभी भी जनता समझ नहीं पाई झूठ पढ़ाया गया किताबों में पाठ्यक्रमों में और झूठ को ना बच्चे समझ पाए न टीचर समझ पाए ना बड़े समझ पाए और पढ़ते गए झूठ पर झूठ पढ़ते गए आज भी वह जारी है। किसी भी देश की शिक्षा प्रणाली ही उस देश के सुदूर भविष्य का निर्माण करती है। लेकिन जहां बच्चों को ही नफरत पड़ा दी जाए बच्चों में ही घृणा की पढ़ाई पड़ा दी जाए उस देश का भविष्य कैसे उज्जवल हो सकता है यह आज समझने की आवश्यकता है।
ऐसा ही धोखा एक ताजमहल के नाम पर है। सारे इतिहास में पढ़ाया गया कि ताजमहल शहाजहां ने बनवाया। ये औरंगजेब के समय से जो झूठ फैलाया गया था कि ताजमहल तेजो महालय ना होकर शाहजहां ने ताजमहल अपनी बेगम की स्मृति में बनवाया। लेकिन वहां ऐसे कोई गुण, ऐसे कोई लक्षण भवन में नहीं मिलते कि वह कोई मकबरा हो। वह तो एक महल था तेजो महालय। उसको वह महादेव का एक मंदिर के रूप में बनाया गया था और महल की तरह बनाया गया था सारी व्यवस्थाएं रहने लायक थी। आश्रम की तरह था, महल की तरह था। वहां लोग रहते थे। लेकिन वर्तमान में इतिहास में इसे कभी सुधारने का कोशिश नही हुई।
तेजो महालय , कुतुब मीनार सहित सभी स्मारकों का सच बताना सरकार का परम कर्तव्य है।
अब वह समय आ गया है कि हम अपने बच्चों को, अपने विद्यार्थियों को, अपने देशवासियों को इतिहास का झूठ साफ करके सच्चा इतिहास पेश करें।
वर्तमान सरकार से आग्रह है। वर्तमान सरकार को यह करना ही चाहिए कि इतिहास के झूठ का पर्दा हटाए और सच्चा इतिहास देशवासियों के सामने पेश करें ताकि देशवासियों का धोखा दूर हो। देशवासी अपने देश की गरिमा को समझ सके। अपने ऊपर गर्व कर सके और उन लुटेरों को जिन लुटेरों ने हमारी सारी चीजों को लूट कर अपना कह कर यह प्रचारित किया उनका भी पर्दाफाश हो। उस संस्कृति और सभ्यता का पूरी तरह से सनातन संस्कृति की तरह विकास हो जिस तरीके से हमारे राजा महाराजाओं ने पूरी ऊर्जा के साथ उनका विकास किया था। उसी तरीके से आज की सरकार को इतिहास का सच बताना चाहिए।
श्री गुरुजी भू
(मुस्कान योग के प्रणेता, वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव के संस्थापक, विश्व मित्र परिवार के संस्थापक, विश्व चिंतक)