कोरोना किसका षडयंत्र?
चीन ने धोखा देकर आर्थिक विश्व विजय हासिल कर ली है?
उसने सबसे पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाई और तब तक अपने फ्रिजों में रखी जब तक पूरे विश्व की आर्थिक अर्थव्यवस्था को पाताल में नहीँ उतार दिया। चीन पूरी दुनिया के इन्वेस्टर्स का हब बन गया था।
चीन ने अपने वुहान शहर में इस वायरस को छोडा और जबरदस्त मौतों के कारण भागते इन्वेस्टर्स के शेयरों को कौडी के भाव खरीद लिये। विदेशी निवेशक और उद्यमी अपनी पूंजी छोड़ कर भाग गये। चीन ने अपने द्वारा पहले से बनाई और छुपा कर रखी गई वैक्सीन को बाहर निकाल लिया और एक ही दिन में चीन हो रही मौतों को रोक दिया। इस युद्ध में चीन ने अपने कुछ लोग खोये पर पूरी दुनिया भर की दौलत लूट ली। आज वहाँ एक भी मौत नहीँ हुइ और न ही एक भी मरीज की संख्या बढी।आज ये वायरस पूरी दुनिया में काल की तरह चक्कर लगा रहा है।
कमाल ये भी देखिये उन सभी देशों और शहरों की कमर टूट गई है जहाँ पर चीनी नागरिक खूब खर्च करते थे। आज पूरा विश्व हर रोज अपनी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त होते देख रहा है। पर 17 मार्च से चीन की अर्थव्यवस्था दिनों दिन मजबूत हो रही है।
ये एक आर्थिक युद्ध है जिसमें चीन लगभग जीत चुका है। सारा विश्व प्रकृति से युद्ध करते करते रोज अपने जान माल को गंवा रहा है।
ये भारत के लोगों का इम्यून है कि वह हर संकट में कुशल यौद्धा की तरह लडता है। जीतता भी है। हमारे देश के अधिकांश नागरिक इकनोमी के आकंडो में नहीँ फसते, पत्थर में से पानी निकालने की कुव्वत रखते हैं। हम भारतीय बडे से बडे रोग को रोटी के टुकड़े में लपेट कर खाने और पचाने में माहिर हैं। क्योंकि हम कभी भी प्रकृृति के विरुद्ध युद्ध नहीँ करते, वरन् उसकी पूजा करते हैं। हम भारतीय मन्दिरों , गुरुद्वारों से आवाज दे दे कर बुलाते हैं ईश्वर को रिझाते हैं। अतः वो प्रकृति/ ईश्वर हमारा अनिष्ट कर ही नहीँ सकता।
लेकिन इसका अर्थ ये नही कि आप लापरवाह हो जाये।
सचेत तो रहना होगा, नियमों का पालन तो करना होगा।
पर हर भारतीय को याद रखना चाहिए कि चीन और चीनी इस प्रकृति के खलनायक है इनसे हर प्रकार की दूरी बनाए रखें।
वुहान से शंघाई = 839 km
वुहान से बीजिंग = 1152 km
वुहान से मिलान = 15000 km
वुहान से न्यूयॉर्क = 15000 km
पास के बीजिंग/ शंघाई में कोरोना का कोई प्रभाव नहीं
लेकिन इटली, ईरान, यूरोप देशों में लोगों की मृत्यु और पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बर्बाद।
चीन के सभी व्यापारिक क्षेत्र सुरक्षित
कुछ तो गड़बड़ है,
अमेरिका ऐसे ही नहीं चीन को दोष दे रहा।
चीन से कुछ कड़े प्रश्न :
1) जहां पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो रही है, वहीं चीन में वुहान के अलावा यह क्यों कहीं नहीं फैला? चीन की राजधानी आखिर इससे अछूती कैसे रह गयी?
2) प्रारंभिक अवस्था में चीन ने पूरी दुनिया से इस वायरस के बारे में सच क्यों छुपाया?
3) कोरोना के प्रारंभिक सैंपल को नष्ट क्यों किया?
4) इसे सामने लाने वाले डॉक्टर और पत्रकार को खामोश क्यों किया? पत्रकार को तो गायब ही कर दिया गया है?
5) दुनिया के अन्य देशों ने जब सूचना साझा करने को कहा तो उसने सूचना साझा क्यों नहीं किया? मना क्यों किया?
6) कोरोना मानव से मानव में फैलता है, इसे छुपाने के लिए WHO के कम्युनिस्ट निदेशक का उपयोग क्यों किया गया? WHO के निदेशक जनवरी में “बीझिंग (चीन)” में क्या कर रहे थे ?
(प्लान फिक्सिंग कर रहे थे क्या?)
7) “किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए कोई गाइडलाइन जारी करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह मानव से मानव में नहीं फैलता है” .ऐसा ट्वीट 11 जनवरी तक WHO करता रहा। क्यों ??? आज साबित हो गया कि कोरोना मानव से मानव में फैलता है, तो फिर WHO ने झूठ क्यों बोला ????
8) वुहान से एक साथ 50,00,000 लोगों को बिना मेडिकल जांच किए “दुनिया के अलग-अलग हिस्से में” क्यों भेजा गया ..???
9) इटली में 6 फरवरी तक मामूली केस था। एका एक चीनी ‘हम चीनी हैं वायरस नहीं, हमें गले लगाइए।’ प्लेकार्ड के साथ दुनिया के पर्यटन स्थल ‘सिटी ऑफ लव’ के नाम से मशहूर इटली के लोगों को गले लगाने क्यों पहुंचे ???
10) पूरी दुनिया आज चीन और WHO को संदेह की नजर से देख रही है और आश्चर्य देखिए कि एक ही दिन चीन और WHO, दोनों भारत की तारीफ में उतर आए! क्या यह मात्र संयोग है?
11) और इसके अगले ही दिन भारत में चीन के राजदूत ट्वीट कर आशा करते हैं कि भारत इंटरनेशनल कम्युनिटी में उसकी पैरवी करे। आखिर क्यों?
नेहरू की एक गलती का आतंक हम भुगत चुके हैं। यह मोदी सरकार है, भरपूर आशा है कि वह कम से कम वह गलती तो नहीं ही दोहराएगी?
12) सार्क से लेकर G-20 तक की बैठक पीएम मोदी के कहने पर हो रही है। संकट के समय भारत वर्ल्ड लीडर के रूप में उभरा है। इटली, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका तक जब कैरोना से निबटने में असफल हो रहे हैं, तो पीएम मोदी की पहल पर भारत इससे कहीं बेहतर तरीके से डील कर रहा है।
चीन इसी का फायदा उठाकर यह चाहता है कि भारत इंटरनेशनल कम्युनिटी में उसके अछूतपन को दूर करे। अब यह नहीं होगा। चीन संदेह के घेरे में है और रहेगा!
और हां, एक बात और…
जिस चीनी डॉक्टर ने इस वायरस का खुलासा किया था, वह भी चीनी अधिकारियों द्वारा हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया….
विचारणीय
संकलन
भावना त्यागी
सम्पादक