देश के जाने-माने कंसल्टेंट, औधोगिक सलाहकार और एक्सीलेंट चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के राष्ट्रीय वाइस प्रेसिडेंट चिरंजीत कुमार शर्मा से हमारे रिपोर्टर ने लाकडाउन से आने वाले समय में व्यापारिक परिवेश में किस किस प्रकार की चुनौती देखने को मिलेगी उस पर गहन चर्चा की जिस पर उन्होंने बताया कि आने वाला समय भारत के छोटे और मझलै व्यापारिक प्रतिष्ठान के साथ साथ बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए चुनौती पूर्ण होगा। जिसके साथ साथ सरकार को भी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण परिवेश में कार्य करना पड़ेगा।
जिससे बैंकों और वित्तीय प्रबंधन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना लाजिमी होगा और लोगों को नौकरी मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
जिसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने जो अभी तक फैसले लिए हैं वो सराहनीय है। लेकिन इससे केवल दुष्प्रभाव का थोड़ा असर कम होगा उसको और प्रभावी बनाने के लिए सरकार को और मजबूत और सशक्त समाधान ढूंढने होंगे ।
चिरंजीत शर्मा जी ने बताया कि जिस तरह चालू तिमाही और पिछली तिमाही के दौरान अधिकांश कंपनियों की आय में दस फीसदी से अधिक कमी आयी है। इससे कंपनियों का लाभ दोनों तिमाहियों में पांच फिसदी से अधिक गिर सकता है और देश की अर्थव्यवस्था चालू वित्तीय वर्ष में 02 प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान है। अगर लाकडाउन का समयविधी और बढ़ायी गयी तो उससे दैश में रोजगार के स्तर पर 60 फीसदी तक नौकरियां कम हो सकती हैं।
ईसीसीआई के राष्ट्रीय वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि हमारे चेमबर के राष्ट्रीय सर्वे से एक अनुमान लगाया जा सकता है कि देश मे 35 फीसदी कंपनियों में नौकरी जाने की दर 25 से 35 प्रतिशत होगी। जिसके लिए सरकार को उधोगों को एक आर्थिक पैकेज देना होगा। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक आर्थिक पैकेज की पिछले दिनों घोषणा भी की है। और बेहतर कदम उठाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आर्थिक विशेषज्ञों से बात कर रही हैं जिसमें ईसीसीआइ अपने सुझाव सरकार समय समय पर प्रदान कर रही है और हमे विश्वास है निश्चित तौर पर सरकार सकारात्मक कदम उठाएँगी जिससे देश में आने वाले समय में आरथिक मंदी का असर देश में कम से कम देखने को मिले और देश को आर्थिक प्रगति के लिए दोबारा रोड मेप तैयार किया जा सके।
इसके साथ चिरंजीत शर्मा जी ने हमें बताया कि विश्व के बदलते व्यापारिक परिवेश और राजनीतिक हालात से स्वयं रोजगार को बढ़ाने का मौका मेहनतकश और पढ़ें लिखे नवयुवकों को मिलने की अपार संभावनाएं पैदा होगी जिसका फायदा उठाने का यह सही समय साबित होगा।
देश के नवयुवकों को स्वरोजगार पर ध्यान केंद्रित करने और मेहनत करने से देश को एक सशक्त अर्थव्यवस्था बनने मे सहायक सिद्ध होगी।