-सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोने व अन्य बचाव के बारे में है लोगों को बताना
-जूम ऐप से केयर इंडिया के अधिकारियों ने दिया प्रशिक्षण
लखीसराय, 17 अप्रैल:
कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी सर्तकता बरत रही है. संदिग्धों की पहचान के लिए सूर्यगढ़ा प्रंखड में आशा व आंगनबाड़ी सेविकाएं घर घर जाकर सर्वे भी कर रही हैं. इसी दिशा में शुक्रवार को जूम ऐप के माध्यम से सभी आशा फैसिलिटेटर को आवश्यक प्रशिक्षण भी मुहैया कराया गया. जूम के माध्यम से आशा फैसिलिटेटरों को यह प्रशिक्षण केयर इंडिया के कर्मियों द्वारा दिया गया.
इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी जिला के सिविल सर्जन को पत्र के माध्यम से आवश्यक निर्देश दिये हैं. पत्र में इस बात की चर्चा की गयी है कि सभी आशा फैसिलिटेटर का ऑनलाइन जूम ऐप के माध्यम से कोविड 19 के लक्षण तथा बचाव से संबन्धित प्रशिक्षण दिया जाये.
संक्रमण के फैलने व बचाव पर मिली जानकारी:
केयर इंडिया के डिस्ट्रिक्ट टीम लीड नावेद उर रहमान के द्वारा आशा फैसिलिटेटरों को बताया गया है कि यदि उनके क्षेत्र में कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे सर्दी खांसी व बुखार है तो इसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों को दें. लोगों को बतायें कि घर से बाहर अतिआवश्यक होने पर निकलें तथा मुंह नाक को ढंकने के लिए गमछा या मास्क का इस्तेमाल करें.
प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि कोरोना वायरस की बीमारी संक्रामक है और यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. बीमारी की रोकथाम के लिए सबसे जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग है. यदि लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का सही तरीके से पालन करते हैं तो ही इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है. इसके तहत एक मीटर दूरी से बात करना, भीड़भाड़ वाले इलाके में नहीं जाना व अधिकांश समय घर में ही बिताना आदि शामिल है.
आशा फैसिलिटेटरों को बताया गया कि लोगों को घर घर जाकर इस बात की जानकारी दी जाये कि लोग संक्रामक बीमारी से कैसे अपना बचाव कर सकते हैं. इसके साथ ही उन्हें नियमित 20 सेकेंड तक हाथ धोने के लिए कहा जाये. हाथ के संपर्क में विषाणु आता है और नाक और मुंह के माध्यम से यह फेफड़ों तक पहुंच कर उसे नुकसान पहुंचाता है.
खुद की सुरक्षा का भी रखना है ख्याल:
आशाओं फैसिलिटेटरों से कहा गया है कि वे इसकी जानकारी आशाओं को देंगी और बाहर निकलने पर खुद भी सुरक्षा के नियमों का पालन करेंगी. आशाओं के साथ मीटिंग के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखेंगी. इसके साथ ही लोगों से जरूरत पड़ने पर कोरोना संक्रमण के स्क्रीनिंग में सहयोग करने की भी अपील करेंगी.