एंटीबायोटिक्स से कोरोना के इलाज का दावों का नहीं करें विश्वास

विश्व स्वास्थ्य संगठन व पीआइबी ने ऐसे दावों का किया है खंडन
आइसोलेशन में रख कर ही होता है कोरोना के मरीज का इलाज
सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण
लखीसराय, 29 अप्रैल: कोरोना संक्रमण को लेकर दवाईयों के प्रति भी लोगों में भ्रांतियां देखने को मिली है.लोगों में सामान्य फ्लू की तरह ही कोरोना को लेकर एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की बातें कहने सुनने में आ रही है. यदि आपको भी ऐसी बातें सुनने को मिल रही है तो इस सं​बंध में फैक्ट चेक करें. एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से कोरोना के इलाज के दावे महज अफवाह हैं. आपको यह जानना चाहिए कि किसी भी प्रकार का एंटीबायोटिक कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए असरदार नहीं माना गया है. एंटीबायोटिक्स दवाएं केवल बेक्टेरिया से लड़ने का काम करते हैं ओर कोरोना वायरस के लिए यह प्रभावी नहीं होता है. कोरोना संक्रमित मरीज को आइसोलेशन में ही रख कर इलाज किया जाना होगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसे दावों का किया है खंडन:
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसे दावों का खंडन किया है. संगठन का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एंटीबायोटिक्स किसी प्रकार मदद नहीं करता है. साथ ही यह भी कहा गया है कोरोना संक्रमण से बचाव या इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. यदि किसी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण होता है तो चिकित्सकों द्वारा आवश्यक दवाई रोगी को दी जाती है. वहीं प्रेस इंनफॉर्मेशन ब्यूरो ने भी इस बात का खंडन किया है कि कोरोना संक्रमण के इलाज में एंटीबायोटिक्स दवाईयां कारगर हैं.
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने  इस संबंध में दी है जानकारी:
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने अपने वेबसाइट पर इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि हानिकारक बैक्टीरिया को मारने के लिए एंटीबायोटिक्स एक बेहतर हथियार है. लेकिन इससे वायरस नष्ट नहीं होता है। इसीलिए एंटीबायोटिक्स से कोविड 19 संक्रमण को ठीक नहीं किया जा सकता है. कोरोना एक वायरस है. इसलिए एंटीबायोटिक्स को बिना चिकित्सकीय सलाह के रोकथाम के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि यदि किसी संक्रमित को अस्पताल में भरती कराया गया है तो चिकित्सक की देखरेख में उसे एंटीबायोटिक्स देना सुनिश्चित किया जा सकता है.
सोशल डिस्टेंसिंग ही है संक्रमण से बचाव रास्ता: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ आत्मानंद राय ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सुरक्षा के आवश्यक उपायों में सोशल डिस्टेंसिंग ही महत्वपूर्ण है. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ घर से बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग किया जाना भी अब अनिवार्य हो गया है. इसलिए यह ध्यान रखा जाना चाहिए ​कि ऐसे समय में जब कोरोना संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है, भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचा जाये. घर से बाहर जाने के दौरान अपने साथ सेनिटाइजर भी रखें. साथ ही सुरक्षा के नियमों में बीस सेकेंड से हाथों की नियमित धुलाई आदि भी जरूरी है.
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