राज्यसभा में नागरिकता बिल लाने पर कांग्रेस करेगी विरोध में वोट : हरीश रावत

राज्यसभा में नागरिकता बिल लाने पर कांग्रेस करेगी विरोध में वोट : हरीश रावत

तरंग सवाददाता : केंद्र सरकार के नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016 को लेकर पूर्वोत्तर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और असम प्रभारी हरीश रावत ने रविवार को कहा कि अगर सरकार संसद के इस सत्र में राज्यसभा में  नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016  लाती है तो उनकी पार्टी इसके विरोध में ही वोट करेगी। रावत ने विधेयक को ‘संविधान, असम समझौते और राष्ट्रीय सुरक्षा के विरूद्ध ’ करार देते हुए यह भी आरोप लगाया कि  नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016   के द्वारा  भाजपा ‘समाज में अशांति पैदा कर’ राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है।

कांग्रेस महासचिव ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘इस विधेयक के विरोध के पीछे हमारे कुछ आधार हैं। पहली बात यह है कि कोई भी कानून धर्म के आधार पर भेद करने वाला नहीं होना चाहिए। यह भेद कर रहा है जो संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है। ऐसा लगता है कि यह विधेयक चुनाव को देखते हुए लाया गया है।’’

उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर के लोगों को लगता है कि यह प्रस्तावित कानून उनकी संस्कृति को नष्ट कर देगा। तीसरी बात यह है कि यह विधेयक असम समझौते के विरुद्ध है। असम समझौता 24 मार्च, 1971 तक भारत में आने वाले लोगों को नागरिकता देने की बात करता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के विरुद्ध भी है।’’

नागरिकता (संशोधन) विधेयक- 2016 पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान आठ जनवरी को लोकसभा में पारित हुआ था। इस समय कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सदन से वाकआउट किया था।

इस प्रस्तावित कानून का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक अत्याचारों के कारण से भागकर 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए हिंदू, सिख, बौद्ध जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता प्रदान करना है।

विधेयक के विरोध में इन दिनों असम और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक पर वोट करने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस तथा उन अन्य दलों को भी साथ लेगी जो इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।

एक प्रश्न के उत्तर में कांग्रेस का रुख स्पष्ट करते हुए श्री रावत ने कहा, ‘‘हमने पहले लोकसभा में इसका विरोध किया और वाकआउट किया। हमारा सरकार से कहना है कि इस पर सहमति नहीं है इसलिए इसे मत लाइए। अगर वे फिर भी लाते हैं तो हम इस विधेयक के विरोध में वोट करेंगे।’’

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