ये बाल प्रतिभा देश का नाम रोशन करेगी!
बाल खिलाड़ी : समीक्षा
साक्षात्कार कर्ता:
बाल जन पत्रकार – श्रेया त्यागी
यू तो भारत के हर क्षेत्र, गाँव, गली नवप्रतिभाओ से भरे पडे है, लेकिन कुछ बच्चे इतने सौभाग्यशाली है कि उनके माता पिता भी उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए दिन रात बच्चो के साथ उनसे भी अधिक परिश्रम करते है। घर चलाने, बच्चों को पढ़ाने, कोचिंग कराने हेतु पैसे कमाते है। बच्चो को प्रतिदिन स्कूल, कोचिंग, खेल के मैदान में ले जाना, लाना भी किसी बडी चुनौती से कम नही होता।
एसे ही कठिन दौर से जूझती एक बाल प्रतिभा का ये साक्षात्कार बाकि बच्चों व उनके अभिभावकों के लिये प्रेरणादायक होगा।
आज हम बात कर रहे है बाल खेल प्रतिभा समीक्षा से।
आईये जानते है इनकी दिनचर्या?
प्रश्न:
सुबह किस समय उठते है ?
उत्तर: 3:30 बजे उठकर तैयार होकर 5 बजे “शहीद विजय सिंह पार्थिक स्टेडियम” में पुलेला गोपीचंद बैड मिंटन एकेडमी पहुचना होता है।
कौन सा खेल ?
उत्तर: बैड मिन्टन
मेरी एकेडमी में कुल 150 बच्चे है।
कब से खेल रही हो?
मैं बचपन से 4 – 5 वर्ष की आयु से ही घर में अपने भाईयों के साथ खेलती थी।
एक दिन मैने बडे भाई को हरा दिया जब ये बात पापा को पता चली तो उन्होने मेरे लिए एकेडमी खोजनी शुरु की । अब मैं एकेडमी में सीख रही हूं।
कौन सी कक्षा में हो?
उत्तर: कक्षा 9
पढ़ाई व खेल में समन्वय कैसे बैठाती हो?
उत्तर: एकेडमी से सीधे स्कूल जाती हूं। कभी कभी नाश्ता भी गाडी में ही करना पडता है। कभी छुट्टी भी करनी पडती है। शाम को 4:30 तक फिर से एकेडमी में अभ्यास करने जाते है।
कितने घन्टे अभ्यास ?
उत्तर:
सुबह – शाम 3 – 3 घंटे प्रतिदिन
कितने घन्टे पढ़ाई ?
उत्तर: स्कूल के बाद 1 से 2 घंटे टाईम देती हूं।
टी वी देखती हो ?
उत्तर: समय ही नही मिलता कभी कभी देखती हूं पर बहुत कम। मेरी रुचि खेल व समाचार में ही रहती है। सीरियल देखकर मैं अपना समय बर्बाद नही करती।
खेलकर क्या बनोगी ?
उत्तर: इंटरनेशनल प्लेयर बनकर समाज में भारतीय बेटियों का नाम उज्ज्वल करना चाहती हूं। देश के साधनहीन बच्चों को पढ़ाने, उन्हे अच्छा नागरिक व अच्छा खिलाड़ी बनाने का प्रयास करूंगी।
अपनी आयु के बच्चों को सन्देश क्या देगी ?
उत्तर: मैं अपनी आयु के बच्चो को यह संदेश देना चाहती हूँ कि उन्हें अपने समय को व्यर्थ नही करना चाहिए और उसका प्रयोग अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए करना चाहिए।
भारत के लिए क्या करोगी ?
उत्तर: भारत के लिए स्वयं ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर लाना चाहुंगी।
ओर सभी खेलो में मेरा भारत नं. 1 रहे इसके लिये मैं भरपूर प्रयास करुंगी।
आपका आदर्श : खेल में पी वी संधु
ओर देश में नरेन्द्र मोदीजी मेरे आदर्श है।
जय भारत