आज जब सारा देश कोरोना संकट से, महामारी से, विषाणु से जूझ रहा है तो भी कुछ तथाकथित पत्रकार मैं तो उन्हें देशद्रोही पत्रकार बोलता हूं उन्होंने ठेका ले लिया है कि हमें अपने देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करनी है। वह झूठी विदेशों की फोटो लगाकर पाकिस्तान बांग्लादेश के रोंगिया की फोटो लगाकर अपने आप को देश प्रेमी सिद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं। मजदूरों के हमदर्द बनने की कोशिश कर रहे हैं। झूठ फैलाना इनका मुख्य पेशा है। देश के नाम पर इनको देश से कोई लेना-देना नहीं है इन्हें सिर्फ अपनी झूठी खबरें फैला कर अपने आप को सिद्ध करना है कि हमें देश के लिए कुछ नहीं करना है हमें देश को बदनाम करना है।
ये कुछ लोगो का पूरा गैंग है। अवार्ड वापसी गैंग भी इनमें शामिल है।
मुझे आज तक समझ नहीं आया कि यह लोग चाहते क्या हैं? आखिर इनकी भारत से क्या दुश्मनी है? भारत सरकार के टुकड़ों पर पलने वाले यह तथाकथित पत्रकार इस देश के साथ ऐसा क्यों करते हैं? यह वामपंथियों के गुलाम हैं? या किसी विदेशी षड्यंत्र का भारत में हिस्सा है? कुछ भी हो अब भारत की जनता समझदार हो गई है और भारत के लोग अब इनकी किसी भी बात पर विश्वास नहीं करते यह एक भारत भूमि के लिए भारतीय संस्कृति के लिए अच्छी बात है और भारतीय जनता जागरूक होने के साथ-साथ अब इनके झूठ से भी पर्दा हटाने लगी है।
मेरे प्यारे भारत देश में अधिकतम लोग इस भारत भूमि को, इस भारतीय संस्कृति को अत्यधिक प्यार करते हैं । वहीं कुछ चंद लोग ऐसे भी हैं जो खाते तो यहां का है, लेकिन गुणगान पाक व अन्य के देशों का करते हैं। आतंकियों का गुणगान करते हैं। इस देश का खाकर इस देश के साथ गद्दारी करने वाले कुछ लोग मीडिया में भी घुस गए हैं। मीडिया में झूठी खबर चलाना उनका नशा है। उनका प्रोफेशन बन गया है वह इस देश का खाएंगे और इसी देश की बुराई भी करेंगे। सरकारी फंड से पलने वाले इन तथाकथित पत्रकारों ने पिछली कई सरकारों में उन्होंने अपना वर्चस्व दिखाया है। झूठी खबरें फैला कर देश को बरगलाया है। यह तथाकथित पत्रकार पत्रकारिता के नाम पर कलंक हैं। ऐसे पत्रकारों का बहिष्कार हो और जनता भी इनका बहिष्कार करें। इन पर विधिक कार्यवाही भी करें तो अच्छा होगा क्योंकि यह देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। पत्रकारिता की आड़ में जो घिनौना खेल यह जनता के साथ खेलते हैं वह अत्यधिक घातक है। यह देशद्रोही हैं। इन सब पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए यह देश से प्रेम नहीं करते। इनका निहित स्वार्थ इनको देश प्रेम करने नहीं देता। कहने को यह बहुत बड़े पत्रकार कहलाते हैं लेकिन यह देशद्रोही पत्रकार हैं। पत्रकारिता के नाम पर कलंक है ऐसे लोगों को इस देश में मीडिया बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। मीडिया को भी कलंकित करने वाले लोगों का बहिष्कार होना चाहिए। ऐसे लोगों की किसी भी कीमत पर किसी भी खबर का विश्वास कर पाना आज बहुत ही मुश्किल हो गया है। अब तक ये लोग देश की भोली-भाली जनता को बहकाने में सफल रहे है। जनता में झूठ फैलाना इनका मुख्य पेशा है। यह पेशेवर आतंकियों का साथ देते हैं। उनके समर्थन में खबरें निकालते हैं। इन्हें जम्मू कश्मीर के पंडितों की पीड़ा नहीं दिखाई देती जो रातो रात भगाए जाते हैं लेकिन इन्हें बुरहान वानी एक बड़े आतंकी की मृत्यु खलती है। इन्हें मुंबई का हमला दिखाई नहीं देता इतने मासूम लोग मारे गए लेकिन इन्हें कसाब की फांसी खलती है। इन्हें संसद का हमला दिखाई नहीं देता लेकिन इन्हें अफजल गुरु की फांसी खलती है। इन्हें दुख होता है। इन पीड़ा होती है इसलिए इस तरह के पत्रकारों को, कलंकित पत्रकारों को हमें तुरंत बहिष्कार करना चाहिए। विश्व मित्र परिवार इसकी कड़ी निंदा भी करता है और ऐसे पत्रकारों का बहिष्कार करने का समस्त देशवासियों से निवेदन करता है।