बाढ़ प्रभावित लोगों को मास्क व सेनिटाइजर दिया जाएगा
सभी अंचलाधिकारी से शिविरों की मांगी गयी सूच
भागलपुर, 22 जून
इस बार बाढ़ से निपटने के लिए विशेष सतकर्ता बरती जाएगी। कोरोना का संक्रमण न हो लोगों में इसके लिए जागरूक भी किया जाएगा। दरअसल मॉनसून के दस्तक के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न तरह की समस्याओं से निपटने के लिए प्रशासन तैयार है। राज्य सरकार के मानदंडों के अनुसार कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव को लेकर इस बार बाढ़ आपदा राहत शिविरों में विशेष व्यवस्था की जा रही है। दरअसल इस बार केवल बाढ़ न होकर कोरोना से बचाव भी अतिआवश्यक है इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन की व्यवस्था के साथ सभी लोगों को स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। शिविर में रहने वाले लोगों के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था किया गया है। इसे लेकर सामग्री के रेट का भी निर्धारण किया गया है।
24 आपदा राहत शिविर की व्यवस्था
इस बार बड़े आपदा राहत शिविरों की संख्या 24 से अधिक होगी जो पिछले बार इसकी संख्या 12 थी। आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी सह वरीय उपसमाहर्ता विकास कुमार कर्ण ने बताया कि एक छोटे कमरे में चार और बड़े कमरे में छह लोगों को रहने की व्यवस्था की जाएगी। इसे देखते हुए सभी सीओ को ऊंचे स्थानों पर अधिक से अधिक सरकारी भवनों को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है। सामुदायिक भोजन भी खुले में नहीं बनेगा। सरकारी स्कूल या पंचायत सरकार भवन में इसकी व्यवस्था की जाएगी। रहने की जगह पर सुरक्षा, निजता खासकर महिलाओं, विधवा, विकलांगों के लिए व्यवस्था होगी। दरी चटाई की व्यवस्था की जाएगी। जहां रोशनी की भी विशेष व्यवस्था होगी।
हर बार बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ पशुओं को भी शिविरों में रखा जाता था। इस बार पशुओं के शिविर की अलग व्यवस्था की गयी है। पशु के साथ एक पशुपालक शिविर में रह सकता है। वरीय उपसमाहर्ता ने बताया कि सभी शिविरों में मेडिकल टीम की प्रतिनियुक्ति दवा और अन्य संसाधनों के साथ की जाएगी। संदिग्ध पाये जाने पर सैंपल लेकर जांच करायी जायेगी। गर्भवती और धातृ महिलाओं का सर्वे कराया जा रहा है। इनके रहने की अलग से व्यवस्था की जाएगी। नावों के निबंधन का काम चल रहा है।
कई प्रखंड हैं बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
जिले के नवगछिया और कहलगांव प्रखंड बाढ़ से अधिक प्रखंड हैं। खासकर नवगछिया के इस्माइलपुर प्रखंड के लोगों को बारिश के मौसम में तीन महीने तक बाढ़ के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। दियारा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को मवेशियों के साथ ऊंचे स्थानों पर जाना पड़ता है। इसी तरह कहलगांव अनुमंडल के सदर और पीरपैंती प्रखंड के लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ती है। खासकर रानीदियारा और टपुआ दियारा के लोग तीन महीने तक सुरक्षित क्षेत्र में रहने के लिए चले जाते हैं। इसी तरह सुल्तानगंज, नारायणपुर, और नाथनगर प्रखंड के लोग भी प्रभावित होते हैं।
कोसी और गंगा से घिरा हुआ है भागलपुर-
जिले का नवगछिया अनुमंडल बुरी तरह से कोसी और गंगा की चपेट में है। हर साल इस इलाके के लोगों को बाढ़ की विभिषिका झेलनी पड़ती है। वहीं कहलगांव, पीरपैंती, नाथनगर और सुल्तानगंज प्रखंड के लोग गंगा की बाढ़ से प्रभावित होते हैं। जहां सभी प्रकार की आपदाओं के दौरान स्थापित किए जाने वाले राहत शिविरों में आपदा पीड़ितों के लिए शरण स्थल, भोजन, पेयजल, चिकित्सा सुविधा एवं स्वच्छता के संबंध में निर्धारित न्यूनतम मानदंड तय किया गया है।