आर्यावर्त के गुरुकुल के बाद ऋषिकुल में क्या पढ़ाई होती थी ये जान लेना आवश्यक है, इस शिक्षा को लेकर अपने विचारों में परिवर्तन लाये भ्रांतियां दूर करें!!!
1. अग्नि विद्या ( metallergy )
2 वायु विद्या ( flight )
3 जल विद्या ( navigation )
4 अंतरिक्ष विद्या ( space scienc)
5 पृथ्वी विद्या ( environment )
6 सूर्य विद्या ( solar study )
7 चन्द्र व लोक विद्या ( lunar study )
8 मेघ विद्या ( weather forecast )
9 पदार्थ विद्युत विद्या ( battery )
10 सौर ऊर्जा विद्या ( solar energy )
11 दिन रात्रि विद्या
12 सृष्टि विद्या ( space research )
13 खगोल विद्या ( astronomy)
14 भूगोल विद्या (geography )
15 काल विद्या ( time )
16 भूगर्भ विद्या (geology and mining )
17 रत्न व धातु विद्या ( gems and metals )
18 आकर्षण विद्या ( gravity )
19 प्रकाश विद्या ( solar energy )
20 तार विद्या ( communication )
21 विमान विद्या ( plane )
22 जलयान विद्या ( water vessels )
23 अग्नेय अस्त्र विद्या ( arms and amunition )
24 जीव जंतु विज्ञान विद्या ( zoology botany )
25 यज्ञ विद्या ( material Sc)
ये बात तो वैज्ञानिक विद्याओं की है।
अब बात करते है व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की
वाणिज्य ( commerce )
कृषि (Agriculture )
पशुपालन ( animal husbandry )
पक्षिपलन ( bird keeping )
पशु प्रशिक्षण ( animal training )
यान यन्त्रकार ( mechanics)
रथकार ( vehicle designing )
रतन्कार ( gems )
सुवर्णकार ( jewellery designing )
वस्त्रकार ( textile)
कुम्भकार ( pottery)
लोहकार (metallergy)
तक्षक
रंगसाज (dying)
खटवाकर
रज्जुकर (logistics)
वास्तुकार ( architect)
पाकविद्या (cooking)
सारथ्य (driving)
नदी प्रबन्धक (water management)
सुचिकार (data entry)
गोशाला प्रबन्धक (animal husbandry)
उद्यान पाल (horticulture)
वन पाल (horticulture)
नापित (paramedical)
यह सब विद्या गुरुकुल में सिखाई जाती थी पर समय के साथ गुरुकुल लुप्त हुए तो यह विद्या भी लुप्त होती गयी।
आज मैकाले पद्धति से हमारे देश के युवाओं का भविष्य नष्ट हो रहा तब ऐसे समय में गुरुकुल के पुनः उद्धार की आवश्यकता है। मैकाले की शिक्षा ने हमे बेरोजगार बनाया है मार्कशीट बेचकर ,सोचिए क्यो न पुनः गुरुकुल शुरू किए जाए। यही कारण है हमारे पुराने विश्विद्यालय जला दिए गए थे।
हम देेेखते रहें, हमारी चेतना सोती रही, गुलामी घर कर गयी। हमरे निकम्मे, भ्रष्टाचारी नेताओं व अफसरों के कारण जो आज भी जारी है।
जागो भारत जागों। अभी समय है, गुलामी त्यागों।
आत्मनिर्भर बनों, स्वाभिमानी बनों, स्वावलंबी बनों।
अपनी सम्पूर्ण वैज्ञानिक सनातन, वैदिक संस्कृति को पहचानों, उस पर गर्व करों।
गुरुजी भू