राम तो आज भी प्रतिवर्ष करोड़ों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं – गुरुजी भू

भारत के बहुत से सूडो सेक्युलर,छद्म लिबिरल और कुण्ठित बुद्धिविलासी छाती पीट पीट कर वैधव्यरुदन कर रहे है:-
क्या राम मंदिर बनने से गरीब कीथाली में रोटी आ जायेगी?

पहली बात तो ये कि हर बार गरीब की रोटी को हिन्दू संस्कृति , त्योहारों , रीति रिवाजों से जोड़ देना कहाँ तक उचित है?
राम मंदिर जो अब तक नही बना है तो क्या गरीब की थाली में रोटी आ गयी ?
प्रभु श्रीराम प्रभू 130 करोड़ भरतवंशियों के सर्वमान्य आराध्य है, उनके जन्मस्थान पर उनका एक भव्य स्मारक होना चाहिए किसी और विदेशी या विधर्मी का कब्जा नही होना चाहिए ।

और हाँ , अब रोटी की बात
मैं बिल्कुल स्पष्ट रूप से ये मानता हूं कि राम मंदिर बनने से कम से कम 50,000 गरीबों की थाली में रोटी आएगी ..

होगा कैसे ?

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दौरान ही हजारों की संख्या में लेबर , मिस्त्री , मार्बल लगाने वाले , टाइल्स लगाने वाले , पेंट वाले , मूर्तिकार , माली, कॉन्ट्रैक्टर , JCB एवम अन्य मशीन वाले आदि कम से कम 15,000 को रोजगार मिलेगा और उनके घर में रोटी आएगी ।

आराध्य राम जी के जन्मस्थल की इतनी महिमा है कि मंदिर बनते ही अयोध्या भारत के बड़े तीर्थ स्थल के रूप मेंविकसित होगा , अयोध्या शहर के आसपास सैकड़ों होटल बनेंगे और सैकड़ों भोजनालय खुलेंगे जो आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखेंगे , केवल भोजन और ठहरने के उद्योग से ही कम से कम 10,000 लोगों को रोटी मिलेगी।

परिवहन की बात करें तो टैक्सी , ऑटो , बस , ट्रेन आदि से भी कम से कम 5000 लोगों को की थाली में रोटी आएगी ।

उत्तर प्रदेश सरकार के लिए अयोध्या एक बहुत बड़े टूरिस्ट हब के रूप में विकसित होगा जिससे आसपास के सभी क्षेत्रों में भी रोजगार के साथ साथ हर तरह से रेवेन्यू बढ़ेगा ।

जब इतनी बड़ी संख्या में भक्त आएंगे तो सफाई कर्मचारियों से लेकर बिल्कुल गरीब तबके के अनेकों अनेक लोगों को अयोध्या में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा , इस तरह से उनकी थाली में भी रोटी आएगी ।

प्रसाद , लस्सी , मिठाई, भगवान से जुड़ी अनेक सज्जा एवम पूजा की वस्तुएं आदि बेचने का कारोबार बड़ी मात्रा में खड़ा होगा , जिन्होंने वैष्णव देवी ,काशी , बांके बिहारी वृंदावन , हरिद्वार के बाजार देखें हैं वे इसका स्वतः ही अनुमान लगा सकते हैं ,केवल इस तरह से 20,000 से अधिक लोगों की थाली में रोटी आएगी ।

वैसे भी उन मूर्खों को ये नही पता कि माता वैष्णो देवी लगभग 1,50,000 कश्मीरियों जिनमें अधिकतम मुस्लिम है, को रोटी मिलती है, उनके घर चलते है।

राम तो आज भी प्रतिवर्ष लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। भारत में दिवाली से पहले दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।  दशहरा नवरात्रों के अन्त में होता है। उन्ही नवरात्रों में रामलीला का आयोजन किया जाता है देश भर में रावण जलाए जाते हैं और रामलीला उसे गरीब से अमीर तक दशहरे से दिवाली तक यह पर्व लाखों नहीं करोड़ों लोगों को प्रति वर्ष रोजगार देते हैं। इसलिए रोटी और रोजगार की अगर बात करोगे तो राम बहुत बड़ा रोजगार देते हैं आज भी।

और अंत में जिनको केवल डायलॉग मारने हैं ,कोसना है, जो भारतीय सनातन संस्कृति से घृणा करते हैं वो लोग भी बड़ी खुशी से अयोध्या में भीख का कटोरा लेकर घूम सकते हैं , उनकी रोटी की व्यवस्था भी श्रीराम प्रभू जी अवश्य ही कर देंगे।

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