कानपुर में बड़े किडनी रैकेट का खुलासा, दिल्ली तक जुडे कई बडे नाम।
कानपुर। तरंग संवाददाता। पुलिस ने मानव अंगो के प्रत्यारोपण कराने वाले गैंग का भंड़ाभोड करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने पूछताछ के दौरान कई रहस्य उगले हैं।
पूरे मामले की जांच के लिए एसएसपी अनंत देव तिवारी ने एसआईटी टीम का गठन कर पूरे नेटवर्क को ध्वस्थ करने के आदेश दिया है
° एसएसपी अनंत देव तिवारी ने बताया की एक टीम सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गई है, जिसके तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़े होने के सुराग मिले हैं। पुलिस ने दिल्ली के फोर्टिस, पीएसआरआई और गंगाराम हॉस्पिटल के कोऑर्डिनेटर को दबोच लिया है।
° मानव अंग प्रत्यारोपण कराने वाले गैंग की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमे एक डिप्टी एसपी और दो इन्स्पेक्टर नियुक्त किये हैं।
° एसएसपी ने बताया कि फिलहाल कानपुर के अस्पतालों के नाम अभी तक सामने नहीं आए हैं।
° एसआईटी के गठन के बाद जल्द ही पूरे रैकेट का खुलासा किया जाएगा। एसएसपी ने बताया कि इस कारोबार से जुड़े हर व्यक्ति को पकड़ कर जेल भेजा जाएगा।
° एक डोनर ने पुलिस को सटीक सूचना दी और इसी के बाद टीम ने रेड मारी।
° एसएसपी ने बताया कि ये लोग गरीबों को पहले नौकरी का लालच देते , इसके बाद इन्हें गुमराह कर दिल्ली ले जाते। दिल्ली के अस्पतालों में इन्हें एडमिट करा किडनी व लीवर निकाल उसे 25 से 30 लाख रूपए में बेंच देते थे।
° कारोबारियों ने फर्जीवाड़े का भी पूरा जाल फैलाया हुआ था। वो किडनी बेचने वाले को किडनी खरीदने वाले का रक्त सम्बन्धी बनाकर ले जाते थे।
° पहचान पत्र के रूप में उनके पास फर्जी वोटर आईडी , आधार कार्ड और पासपोर्ट बनाने के सभी साधन मौजूद थे।
° पुलिस ने अपने छापे में कई जिलाधिकारियों, पुलिस मोहरें , पहचान पत्र , बैंकों के दस्तावेज और एफीडेविटों का भण्डार बरामद किये है।
° मरीज के परिजनों से प्रति किडनी 25-30 लाख रुपये और लिवर के हिस्सों के बदले 70-80 लाख तक लेने वाले ये शातिर अंगदान करने वाले गरीबों को महज तीन लाख रुपये देते थे।
° जांच में यह भी सामने आया है कि गैंग का लीडर टी. राजकुमार राव 2016 में अपोलो हॉस्पिटल के किडनी कांड में जेल जा चुका है। जेल से बाहर आने का बाद उसने फिर से किडनी और लीवर बेचने का धंधा फैला लिया था। वहीं एक अन्य आरोपी सबूर 2015 में जालंधर किडनी कांड में जेल जा चुका है।