नकली और मिलावटी सैनिटाइजर हाथों की त्वचा को पहुंचा सकते हैं नुकसान

गुणवत्ता वाले सैनिटाइजर के इस्तेमाल से ही होगा संक्रमण से बचाव

अल्कोह युक्त हैंड सैनिटाइजर ही खरीदें, निर्दशों व एक्सपायरी डेट जरूर पढ़ें

मुंगेर , 3 अक्टूबर: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क व हाथों की नियमित सफाई जरूरी है. अमूमन हाथों की सफाई के लिए साबुन और पानी का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन यात्रा व बाजार हाट के दौरान पानी की अनुपलब्धता के कारण सैनिटाइजर का इस्तेमाल बढ़ा है. कोरोना संक्रमण की सही तरीके से रोकथाम के लिए सही मास्क के इस्तेमाल के साथ सैनिटाइजर की भी गुणवत्ता का ध्यान रखा जाना चाहिए.

सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार हाथों को धोने के लिए साबुन पानी का इस्तेमाल बेहतर है. क्योंकि यह हाथों पर मौजूद सभी तरह के रोगाणुओं व रसायनों को साफ करने के लिए सबसे प्रभावशाली है. लेकिन साबुन और पानी उपलब्ध नहीं होने पर कम से कम 60 प्रतिशत इथाइल अल्कोहल या 70 प्रतिशत आइसोप्रोपाइल अल्कोहल वाले सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूरी है. संगठन ने इस बात की भी जानकारी दी है कि इससे अधिक अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ये हैंड सैनिटाइजर हाथों के रोगाणुओं को खत्म करने में मददगार है. हालांकि हैंड सैनिटाइजर का बहुत अधिक इस्तेमाल से भी बचने की चेतावनी दी गयी है.

इथाइल अल्कोहल वाले सैनिटाइजर ही खरीदें:
सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक इथाइल या आइसोप्रोपाइल अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल सुरक्षित है. वहीं मिथाइल अल्कोहल से तैयार किया गया सैनिटाइजर नुकसानदेह है. मिथाइल अल्कोहल जहरीला होता है और त्वचा के संपर्क में आने पर यह एलर्जी पैदा कर सकता है. यह आंखों और सांसों के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच कर उसे नुकसान पहुंचाता है. इसलिए सैनिटाइजर खरीदते समय कंपोजिशन संबंधी निर्दशों को देख लिया जाना सही है.

बच्चों की पहुंच से दूर रखें हैंड सैनिटाइजर:
हैंड सैनिटाइजर को सुरक्षित रखा जाना भी आवश्यक है. यह ज्वलनशील होता है इसलिए इसे गर्म स्थान तथा आग से दूर रखें. सैनिटाइजर इस्तेमाल के समय ध्यान रखें कि यह आंखों के संपर्क में नहीं आये. त्वचा पर किसी तरह की एलर्जी होने पर डॉक्टर से परामर्श लें. सैनिटाइजर को बच्चों की पहुंच से दूर रखें. सैनिटाइजर खरीदते समय उसके एक्सपायरी डेट जरूर देंखें और आवश्यक निर्देशों को पढ़ें. अभिभावक बच्चों को हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल अपनी निगरानी में करवायें. खुशबू वाले सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बचें.

सैनिटाइजर व साबुन के इस्तेमाल को समझें:
कोरोना संक्रमण काल में सैनिटाइजर की मांग बढ़ी है. दफ्तर, बाजार हाट व यात्रा के दौरान सैनिटाइजर रखना जरूरी है, ताकि हाथों की नियमित सफाई की जा सके. लेकिन कुछ काम ऐसे होते हैं जिसमें हाथ अधिक गंदे होते हैं. ऐसे में हाथों को सिर्फ साबुन और पानी से ही धोयें

साबुन पानी का इस्तेमाल:
खाना बनाने व खाने, शौच के बाद, मरीज की देखभाल, कटने व जख्म होने, डायपर बदलने, खांसने, छींकने, जानवरों को खाना देने व उनकी साफ सफाई, कूड़ा कचड़ा के निष्पादन व हाथों के बहुत अधिक गंदे और चिकना होने के बाद और वैसे सभी काम जिनमें हाथ बहुत अधिक गंदे हों.

सैनिटाइजर का इस्तेमाल:
साबुन पानी उपलब्ध नहीं होने पर, हाथ मिलाने के बाद, यात्रा के दौरान, हाथों के हल्के गंदे होने पर.

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