जम्मू-कश्मीर विलय समारोह समिति  ​27 अक्टूबर को विलय दिवस मनाएगी – प्रो. भीम सिंह

 

जम्मू/श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी

जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स के मुख्य संरक्षक प्रो. भीम सिंह ने दोस्तों तथा वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं को याद दिलाया कि विलय दिवस आयोजन समिति ने जम्मू-कश्मीर तथा देश के बाकी हिस्सों में 27 अक्टूबर, 2020 को जम्मू-कश्मीर के विलय की 73वीं वर्षगांठ मानने का निर्णय लिया है। 27 अक्टूबर, 1947 को महाराजा हरिसिंह द्वारा हस्ताक्षरित विलयपत्र को भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने मंजूरी दे दी थी, जिसे दिल्ली से केंद्रीय सचिव लाए और महाराजा हरिसिंह ने कर्ण पैलेस, जम्मू में 26 अक्टूबर, 1947 को विलयपत्र पर हस्ताक्षर किए थे। गवर्नर-जनरल रात में उपलब्ध नहीं थे, इसलिए 27 अक्टूबर, 1947 के तड़के ही विलयपत्र पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे स्पष्ट होता है कि जम्मू-कश्मीर का भारत संघ से विलय 27 अक्टूबर, 1947 को हुआ था।
प्रो. भीमसिंह और उनके साथी विलय दिवस का आयोजन जम्मू-कश्मीर और बाकी देश में दशकों से कर रहे हैं। उन्होंने धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक व प्रगतिशील समूहों और संगठनों से संयुक्त रूप से विलय की 73वीं वर्षगांठ मनाने की अपील की है, जो जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर आ सकता है। उन्होंने सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और प्रगतिशील राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि नेतृत्व महाराजा हरि सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा, जिन्होंने भारत के अन्य 565 शासकों की तरह विलयपत्र के तीन विषयों रक्षा, विदेशी मामलों और संचार पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे 1949 में संविधान सभा ने सभी रियासतों के साथ जम्मू-कश्मीर को बिना किसी कारण या रिकॉर्ड के साथ मंजूरी दी।
यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है जिसके कारण भारत के दुश्मन किसी भी दिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोषण कर सकते हैं। दुर्भाग्य से, देश में नेतृत्व ने राज्य दर्जे को ध्वस्त कर दिया है, जिसे देश के बाकी हिस्सों से जम्मू-कश्मीर को जोड़ने आवश्यकता है। जम्मू-कश्मीर सबसे पुराने राज्यों में से एक था, जिसका राज्य दर्जा बहाल करने से ही राष्ट्रीय एकता को मजबूत होगी।

ह./ पी.के. गंजू 
उपाध्यक्ष-जेकेएनपीपी
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