2023 तक चांद पर भी चलेगा इंटरनेट: NASA ने चांद पर 4G/LTE नेटवर्क स्थापित करने हेतु Nokia को चुना
इससे पहले ही वहां इंटरनेट का नेटवर्क स्थापित करना होगा। जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को आवाज-वीडियो संचार की सुविधा प्रदान की जा सकें।
इस हेतु नासा द्वारा चंद्रमा पर पहला सेलुलर नेटवर्क बनाने के लिए नोकिया का चयन किया गया है, फिनिश कंपनी ने सोमवार को कहा कि अमेरिका की अंतरिक्ष अभिकर्ता भविष्य के लिए योजना बना रही थी कि मनुष्य चंद्रमा पर लौटेंगे। हम पृथ्वी वासी चांद पर भी मानव बस्तियों की स्थापना करेंगे। नासा का लक्ष्य 2024 तक मनुष्यों को चंद्रमा पर ले जाना है। इसके आर्टेमिस (Artemis) कार्यक्रम के अन्तर्गत एक लंबी उपस्थिति स्वाभाविक है। नासा इस कार्यक्रम को विश्व की मोबाइल कंपनी नोकिया के साथ मिलकर करेगा। नोकिया बीते समय में मोबाइल की दुनिया में बहुत बड़ा नाम कमा चुकी है। अब वो अंतरिक्ष की दुनिया में इंटरनेट सुविधाओं के लिए कार्य करना चाहती है।
इंटरनेट का वायरलेस नेटवर्क 2022 के अंत तक होगा तैयार
- नोकिया के प्रवक्ता ने बताया कि अंतरिक्ष में पहला वायरलेस ब्रॉडबैंड संचार प्रणाली 2022 के अंत में चंद्र सतह पर बना दिया जायेगा जाएगा।
- इसके लिए, कंपनी टेक्सास स्थित निजी स्पेस क्राफ्ट डिजाइन कंपनी इंट्यूएटिव मशीनों के साथ साझेदारी करेगी, जो नोकिया के उपकरणों को चंद्रमा की सतह तक ले जाएगी।
- चांद पर इंटरनेट का नेटवर्क स्वयं को कॉन्फ़िगर करेगा और चंद्रमा पर 4G/LTE संचार प्रणाली स्थापित करेगा, नोकिया (Nokia) ने बताया है कि – अनंन्तोगत्वा उद्देश्य अंततः 5 G पर स्विच करना ही होगा।
- कंपनी ने कहा कि नेटवर्क अंतरिक्ष यात्रियों को ध्वनि और चलचित्र, वीडियो संचार की सुविधा प्रदान करेगा, साथ ही टेलीमेट्री और बायोमेट्रिक डेटा एक्सचेंज और रोवर्स और अन्य रोबोट उपकरणों की तैनाती और रिमोट कंट्रोल की अनुमति भी देगा। ये नेटवर्क अंतरिक्ष यात्रा, अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देगा। उन यात्राओं को रोचक बनायेगा। अंतरिक्ष पर्यटन के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी कदम 2024 तक लगभग सबके लिए उपलब्ध होगा।
- बहुत खर्चीली होगी यात्रा
- स्पष्ट सी बात है कि यह मितव्यई नहीं होगा। जिसकी क्षमता होगी, जिसके पास धन होगा जिसके पास अंतरिक्ष यात्रा हेतु अतिरिक्त धन होगा वही अंतरिक्ष विचरण कर सकेगा। क्योंकि यह बहुत ही खर्चीली यात्रा होगी। इसमें देश और विदेश की कई कंपनियां लगी है भारत सहित कई देशों की कंपनियां और लोग इस मिशन पर लगे हैं। इससे अगला कदम मंगल ग्रह तक की यात्राओं का है। उस पर भी बहुत सी कंपनियां कार्य कर रही हैं।
विपरीत परिस्थितियों में भी नेटवर्क बराबर काम करने की क्षमता
- एक बार चांद पर इंटरनेट नेटवर्क ठीक से चालू हो जाए तो उससे पृथ्वी वासियों को भी बहुत सा लाभ मिलेगा। चांद के नेटवर्क को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि यह चंद्रमा पर लॉन्च और लैंडिंग की किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम हो। ये अत्यंत कठोर आकार, वजन और बिजली की कमी को पूरा करने के लिए चंद्रमा को अतिसूक्ष्म, कॉम्पैक्ट रूप में भेजा जाएगा।