पांचवे वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव के 15वें दिन में 34 वां सत्र प्रोफेसर डॉ वीके गोस्वामी जी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
पांचवा वैश्विक प्रकृति फिल्म महोत्सव 40 दिन लगातार चलेगा। 22 नवंबर से गोपाष्टमी के दिन प्रारंभ हुआ यह कार्यक्रम अपनी संगोष्ठियों, कलाकारों की प्रस्तुतियों और विभिन्न विषयों पर परिचर्चाओं से सराबोर चल रहा है।
इस कार्यक्रम में आज 34 वे सत्र में भारतीय जीवन दर्शन के ऊपर परिचर्चा हुई। उसमें विभिन्न विद्वानों ने भाग लिया। यह तय किया गया कि विश्व में अगर शांति स्थापित करनी है तो विश्व को भारतीय मूल्य, भारतीय जीवन दर्शन, भारतीय मानवीय मूल्यों की जो परिभाषा है, उसको विश्व भर में स्थापित करना होगा।
कार्यक्रम में विश्व मित्र परिवार के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मार्कंडेय राय, रवि सैनी, ग्रुप कैप्टन डीएन बाजपेयी, प्रो सुरेन्द्र पाठक, डॉ भूदेव शर्मा शामिल हुए।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर डॉ वीके गोस्वामी ने किया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से भारतीय जीवन दर्शन पर चर्चा हुई। मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देने वाला भारतीय जीवन दर्शन अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। सर्वसम्मति से एक ही पक्ष निकल कर सामने आया कि वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति और समस्त विश्व को अपना परिवार समझने वाली संस्कृति समस्त प्राणियों का कल्याण की प्रार्थना करने वाली भारतीय संस्कृति ही विश्व में शांति स्थापित कर सकती है।