किसान धरती का भगवान,
राष्ट्र हित मे भोले किसानों का समर्थन आवश्यक है। किंतु निम्न बातों पर चिंतन अवश्य कीजिए। किसानों की आड में असली षडयंत्रकारी कौन है?
(१) ट्रैक्टर वैनिटी (ब्यूटी पार्लर)
(२) मोबाइल बाथरूम टॉयलेट।
(३) पैरों के मसाज की मशीने।
(४) बॉडी मसाज पार्लर, पिज़्ज़ा पार्लर, जिम।
(५) अत्याधुनिक रसोई की मशीनें।
(६)४००० जनरेटर सेट, सेंसर लाइट।
(७) धोबी और कपड़ों को प्रेस करने की सुविधा।
(८) ऑटोमेटिक जूता पोलिश मशीनें।
(९) बीयर बार, लाइटिंग वाले पंडाल, नए कपड़ों में से बनाए पेटी पैक शामियाने-कपड़ों के तंबू।
(१०) एकदम नई मैट्रेस सेट, बैक सपोर्ट के साथ।
(११) पानी के टैंकर, मिनरल वाटर की बोतलें, सब्जी, दूध, चीज, मक्खन, पनीर जैसे चीज के बड़े भंडार।
(१२) काजू बादाम किशमिश और बाहर के देशों में मिलने वाले कीमती ड्राई फ्रूटः।
(१३) 6 महीने का राशन।
ऐसे आंदोलन कभी देखे हैं दुनिया में?
इसको बोलते हैं फाइव स्टार आंदोलन।
किसानों का आंदोलन क्या है उसकी मांगे क्या है ?
और वास्तविकता में यह लोग क्या मांग रहे हैं?
*देश विरोधी नारे लगा रहे हैं, पोस्टर दिखा रहे हैं!*
प्रधानमंत्री के मरने की दुआ कर रहे हैı
पहले यह समझिए कि ऐसे आयोजन करने के लिए पैसा और अपना समय देने वाले लोग (जो मुफ्त में कतई नहीं मिलते) कहा से आ रहे है।
इस आंदोलन को करने के लिए इतनी तैयारी क्यों है?
थोड़ा दिमाग लगाइए।
अगर सरकार इस बिल को वापस ले लेती तो सी ए ए/धारा ३७०/३५-, आने वाला जनसंख्या नियंत्रण बिल, समान नागरिक धारा जैसे कई कानून को वापस खींचने का रास्ता साफ हो जाता है ।
इतनी कुर्बानिया देकर जम्मू कश्मीर के धारा 370 के खारिज बिल को बापिस लेने की मुहीम शरू हो जाएगीı
अगर किसानों को इस बिल से नाराजगी है तो वह सर्वोच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते?
किसान/अंबानी/अदानी के नाम पर इमोशनल ब्लैकमेल का अत्याचार क्यों?
देश की राजधानी को घेर कर पंगु बना दिया।
एक आंदोलन करने के लिए इतने युद्ध स्तर पर तैयारी क्यों?
एमएसपी की मांग सरकार लिखित में स्वीकार कर चुकी है तो फिर हर रोज नई मांगों का ड्रामा क्यों?
क्या इसके बाद भी आपको लगता है कि यह आंदोलन गरीब किसानों का आंदोलन है?
आप किसी भी विचारधारा को मानते हो लेकिन यह राष्ट हित का सवाल है, कृपया खुद जागरूक होकर देश के टुकड़े होने से बचाएं और सभी को सच्चाई से रुबरु कराइये ।
किसान आंदोलन पूरी तरह से राष्ट्र विरोधी ताकतों ने अपने कब्जे में ले लिया है। उसे हाईजैक कर लिया है। उस पर नियंत्रण कर लिया है और भोले-भाले किसान उस में फस कर रह गए हैं उन्हें मालूम ही नहीं है कि वह अपने पैरों पर स्वयं कुल्हाड़ी मार रहे हैं और कुल्हाड़ी चलाने वाला कोई और है।
मैं किसान को धरती का भगवान मानता हूं। इसलिए उसका पूरा सम्मान करता हूं लेकिन किसी के बहकावे में आकर षड्यंत्रकारिर्यों के षड्यंत्र में फंसकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना किसी भयंकर राष्ट्रीय खतरे से कम नहीं।
We all Respect FARMERS as Our ANNDATA
But Cannot Allow AntiNationals to Hijack the Movement against our National Interests.
कहीं ऐसा ना हो जाए कि षड्यंत्रकारी शक्तियों टुकड़े टुकड़े गैंग, खालिस्तानी गैंग और सीएएए के विरोध करने वाले जो गैंग हैं, 370 हटाने का विरोध करने वाले जो गैंग हैं, वो सब मिलाकर किसान को ठग रहे है। अगर किसान ठगा गया तो किसान के पास पश्चाताप करने का भी समय नहीं मिलेगा। इसी किसान को यह सब लोग मिलकर उन्हें प्रताड़ित करेंगे सरकार से, किसान बिल से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इन्हें अपने राष्ट्र विरोधी एजेंडे में किसानों को प्रयोग करना है।
अगर आप सहमत है तो तुरन्त फार्वर्ड करें।