जिनपिंग क्यों अपने बाल नोच रहा है?
खबर तो आप सब ने सुन ही ली होगी कि नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने नेपाल की संसद को भंग करने की सिफारिश करते हुए राष्ट्रपति को पत्र लिख दिया है। यहां पिछले 8 महीनों के घटनाक्रम को देखते हैं।
1. 21 मई 2020 को ओली ने भारत को आंखें दिखाते हुए अपने मानचित्र में भारत के कुछ भाग लिपुलेख, कालापानी, और लिम्पियाधुरा दाखिल किए।
2. यह सभी चीन, नेपाल और भारत के बॉर्डर्स पर स्थित थे और सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र थे।
3. चीन ने इन स्थानों पर बिना नेपाल की इजाजत के अपने सैनिक स्ट्रक्चर बनाने शुरू कर दिए।
4. यहां मोदी ने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट्स को एक्टिव किया और ओली के चीन के एजेंट के रूप में काम करने के बारे में पड़ताल करने का काम सौंपा।
5. रॉ के एजेंट्स ने अपनी जान पर खेल कर इस सारे खेल का पर्दा फाश किया और अपनी रिपोर्ट अपने भारतीय काउंटर पॉर्ट को भेजी। जिसमें बताया गया कि चीन की विषकन्या लेडी डिप्लोमेट होऊ यांकी के ओली से अंतरंग सम्बन्ध स्थापित होने के कारण ओली को ब्लैकमेल किया जा रहा है। रॉ ने इस बाबत सबूत इकठ्ठे करके भारत भेजे।
6. रॉ के चीफ इन सबूतों के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री ओली को मिले जिसके उजागर हो जाने पर ओली का राजनीतिक और सामाजिक भविष्य खत्म हो जाता।
7. रॉ ने नेपाल की जनता को चीन द्वारा उनके क्षेत्रों पर किये गए कब्जे की फोटोज वायरल कर दी जिससे नेपाली जनता की ओली और चीन के खिलाफ जनभावना में उछाल आ गया।
8.ओली ने अपने हथियार भारत के सामने नीचे डाल कर फिर से भारत की तरफदारी शुरू की।
9. चीन ने ओली को अपने हाथ से निकलते देख एक बार फिर होऊ यांकी का कार्ड खेलने की कोशिश की पर ओली भारत की रॉ की रिपोर्ट से बहुत डरे हुए थे। ओली ने चीन को इस बारे में बताते हुए अपनी मजबूरी बताई।
10. चीन ने अब ओली को रॉ की तर्ज पर होऊ यांकी प्रकरण से ही ब्लैक मेल करने की कोशिश की।
भारत और चीन की धमकियों के आगे ओली बेबस हो गए। एक तरफ कुंआ था और दूसरी तरफ खाई। ऐसे में उन्होंने संसद को भंग करने का कदम उठाया।
उपरोक्त सारा लेख मेरे द्वारा विभिन्न खबरों के सूत्रों को जोड़ कर लिखा गया है जिसकी कहीं पर भी आपको लिंक नहीं मिलेगी क्योंकि खुफिया एजेंसी और राजनीतिक ब्लैकमेल के ट्रेसेस कोई भी देश किसी पब्लिक डोमेन पर नहीं छोड़ता और यह सब बातें बिना सबूत के 20- 25 वर्षों बाद पब्लिक डोमेन पर आते हैं।
यहां मुझे एक बात और बतानी है कि नेपाल में लोकतंत्र से वापस राजशाही की मांग पब्लिक द्वारा की जा रही है और अगर यह सच में हो पाता है तो निश्चित ही मोदी की इसे बहुत बड़ी जीत के रूप में इसे देखा जाएगा जो शायद इतिहास में अपने तौर की अकेली घटना होगी🚩🇮🇳🚩