54 देशों के हिमालय-हिन्द महासागर राष्ट्र समूह अन्तर्गत दो दिवसीय एक अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के तत्वावधान में 54 देशों के हिमालय-हिन्द महासागर राष्ट्र समूह अन्तर्गत दो दिवसीय एक अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार/ सेमिनार का आयोजन सेनाभ्यास एजुकेशनल सेंटर, आगरा में किया गया है। शनिवार को इस सेमिनार का दूसरा दिन था जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भारत और हिमालय- हिन्दमहासागर के निकटवर्ती देशों के मध्य सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ और पुनर्जीवित करने पर चर्चा की । आगामी समय म़े भारत की अगुवाई से हिमालय हिन्दमहासागर राष्ट्र समूह विश्व में समरसता व सहकारिता के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करेगा। सेमिनार के दूसरे दिन प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता ब्रिगेडियर मनोज कुमार शर्मा जी( अध्यक्ष सेना अभ्यास एजुकेशनल सेंटर,आगरा)ने की।
ताइवान से मुमिं चेन ने कहा है कि भारत और ताईवान के बीच एक अच्छे सम्बंधों के चलते ही परस्पर निर्यात में सतत वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हमने भारत की बहुत सांस्कृतिक गतिविधियों को अपनाया है। ताईवान में कई लोगों के द्वारा योग को पसंद किया जाता है। यह हमारे रिश्तों के जुड़ाव के लिए बहुत मूल्यवान है।
उन्होंने भारतीय खाने की तारीफ करते हुए बताया कि भारतीय भोजन ताईवान में बहुत लोकप्रिय है। हम ताइवान के छात्रों को भारतीय संस्कृति, परंपराओं और भाषा के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इससे हमें अपनी धारणाओं को और मज़बूत बनाने में मदद मिलेगी।
एम जी यूनिवर्सिटी,बिहार से डॉ असलम खान ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारतीय दुनिया में सबसे भरोसेमंद नागरिक है।

मारीशस से डॉ. एडम कोडरथ ने भारत को मॉरीशस का सबसे भरोसेमंद सहयोगी बताया तथा स्व. अटल बिहारी बाजपेयी जी के समय में मॉरीशस व भारत के मध्य व्यापारिक व सांस्कृतिक सम्बधो मे मजबूती आयी थी जिसमे सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से दवा कंपनियों का विशेष योगदान है।

इज़ीप्ट से डॉ . मोहम्मद वर्डने ने भारत और इज़ीप्ट के राजनैतिक ,सामाजिक व सास्कृतिक संबधों के बारे मे बताया।
नेपाल से मोहन कृष्णा सुरेश जी ने भारत की संस्कृति पर चर्चा करते हुए बताया कि भारत में विभिन्न प्रकार की संस्कृति, मान्यताएं और परंपराएं हैं फिर भी भारत विविधताओं के साथ एक सांस्कृतिक विरासत का धनी देश है ।
आज के द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर भगीरथ सिंह जी (कुलपति , पण्डित दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी, राजस्थान) ने की।

इस सत्र मे उज्बेकिस्तान के दूतावास से दिल्शोद अखतोव ने भारत और उज्बेकिस्तान के रिश्तों के बारे में बात की। दोनों राष्ट्रों में कई ऐतिहासिक स्थल हैं जोकि हिंद महासागर से जोड़ते हुए रेशम मार्ग पर हैं। उन्होने कुषाण साम्राज्य के दौरान भारतीय सभ्यता को उज्बेकिस्तान के बीच मुख्य ऐतिहासिक संबंध बताया।
सीरिया के राजदूत सलाहकार रशीद अब्बास ने कहा कि आजादी के बाद से हम दोनों देश एक दूसरे के साथ अच्छे संबंधो के बीच रह रहे है। भारत ने आई टी सहित कई क्षेत्रों मे अपनी एक नई पहचान बनाई है।
महामारी कोविड -19 के दौरान, भारत ने हमे निकासी उड़ानों का समर्थन किया और हमें चिकित्सा सहायता भी प्रदान की। भारत इस महामारी मे मानवता की रक्षार्थ एक विशेष शक्ति के तौर पर उभर कर पूरी दुनिया के सामने आया है।
ताजीकिस्तान से प्रोफेसर मुज़फ्फ़र ओलीमोव ने बताया कि भारतीय फिल्में हमारे देश में सबसे लोकप्रिय फिल्में हैं, और देश के विश्वविद्यालयों में हिंदी-उर्दू विभाग बहुत बड़े हैं।भारत बहुमूल्य संस्कृति, कला और परंपरा का देश है। भारत ने अपना पहला विदेशी सैन्य अड्डा फ़ारखोर, ताजिकिस्तान में स्थापित किया है तथा ऊर्जा संसाधनों को प्रदान करने के लिए बड़ा आधार है।
सत्र में ऑनलाइन जुड़ने वाले किर्गिस्तान के दूतावास से असियेन आई एस ए ई वी , , यमन के राजदूतअल वहिषी , ईरान से मानदना तिशेहेर ,भारत से आर्य भूषण शुक्ला जी ( सेवानिवृत्त आई ए एस) आदि सहित अनेक देशों प्रतिनिधियों ने आनलाईन सहभागिता प्रदान की।

सेमिनार के समापन सत्र में माननीय इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि हमारे समूह देशों का परस्पर संस्कृति, सास्कृतिक के साथ ज्ञान व विज्ञान के माध्यम से सीमाओं पर तनाव कम करने प्रयास होगा । इस भूमंडल पर मानवतावादी संस्कृति स्थापित करेंगे। अंत मे हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह के मार्गदर्शक व राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के संस्थापक माननीय इंद्रेश कुमार जी ,राष्ट्रीय अध्यक्ष लै.जनरल डा.आर एन सिंह , राष्ट्रीयमहामंत्री गोलक बिहारी राय, जसबीर सिंह जी ( सचिव फैन्स इंडिया), स्का. लीडर ए.के.सिंह, आगरा के मेयर नवीन जैन ,सांसद प्रोफेसर एस पी सिंह बघेल , पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया आदि अतिथियों को शॉल व मोमेंटो दे कर सम्मानित किया गया। माननीय इंद्रेश कुमार जी के मार्गदर्शन मे सेनाभ्यास एजूकेशनल सेंटर ,आगरा को हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह का केंद्र बनाया गया है जिसमें एक एक अंतरराष्ट्रीय पुस्तकालय का भी निर्माण का प्रस्ताव रखा गया।
इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन डा. महताब आलम , गोलोक बिहारी राय , रीतेश राय, डा. रजनीश त्यागी , बिग्रेडियर मनोज कुमार का विशष योगदान रहा है।
समारोह में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय मंत्री डा.रजनीश त्यागी जी, ब्रिगेडियर मनोज शर्मा,रविन्द्र पाल सिंह टिम्मा जी, कर्नल जी एम खान ,पवन सिंह, रोहित दीक्षित, कर्नल राजेश चौहान, गौरी शंकर सिंह, अतुल सरीन ,डा. डी.एस.तोमर, शैलेन्द्र शर्मा, हरेन्द्र ठाकुर , राज परिहार, मनीष गुप्ता, तर्श वशिष्ठ,यशपाल राणा, डा.दीपक छोंकर, संचार ईवेंट के तरूण रावत ,माधव त्यागी , लुबना आसिफ, सचिन गोयल, आदि गणमान्य लोग उपस्तिथि थे। सभी अथियों व प्रतिभागियों को डा.राजीव उपाध्याय ने आभार व्यक्त किया।

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