महंत स्वामी रुपेन्द्र प्रकाश से वृंदावन कुंभ में प्रकृति पर्यावरण संरक्षण एवं नए खेल पर विशेष चर्चा

तरंग न्यूज:  दिनों वृंदावन में कुंभ लगा है। कुंभ में श्री गुरुजी भू ने वार्ता की महंत स्वामी रूपेंद्र प्रकाश जी से।

उसके कुछ अंश यहां प्रस्तुत हैं।

महंत रुपेंद्र प्रकाश जी कुंभ में है, वृंदावन में है और ब्रह्मनिवास आश्रम के महंत हैं। आपश्री विश्व मित्र परिवार के संरक्षक है, हरिद्वार में अवधूत आश्रम के भी महंत हैं।

वृंदावन में ब्रह्मनिवास आश्रम में महंत जी से वार्तालाप हुआ हैं। कुंभ का वैज्ञानिक आधार क्या है ? इस कुंभ का वैज्ञानिक संस्करण क्या है ? किस तरीके से इस कुंभ को विज्ञान के ऊपर खरा उतारा जा सके।

भगवान कृष्ण की जन्म स्थली कर्म स्थली में कितना सामंजस्य है। उन लीलाओं को आज के समय में विज्ञान की कसौटी पर कैसे खरा उतारा जा सके ?  योगेश्वर श्री कृष्ण केवल गोपियों के साथ नृत्य करने में ही नहीं वरन बहुत सारे वैज्ञानिक पहलुओं पर भी वह काम करते थे।

जिसे आज के समय में कथाकारों ने कहना बंद कर दिया है। उनके वैज्ञानिक स्वरूप को पुनः प्रस्तुत करने के लिए एक शोध संस्थान का गठन किया जाए।

कुंभ का मुख्य उद्देश्य जमुना में फैली गंदगी को सफाई करना है। कुंभ के बहाने हमारी नदियां साफ हो जाएंगी, हमारी संस्कृति जागृत होगी। हमारी जमुना साफ हो जाएगी और एक स्वच्छ वातावरण वहां बनेगा।

वृक्षारोपण पर हमें विशेष ध्यान देना होगा और विश्व मित्र परिवार की जो यूनिट है, वह निरन्तर वृक्षारोपण का कार्य कर रही है। उसमें बढ़-चढ़कर लोग भाग लेने लगे है।

दोनों वक्ताओं ने निवेदन किया कि वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, व्यर्थ का सदुपयोग, प्लास्टिक का कचरा मुक्त वृंदावन बने, प्लास्टिक मुक्त वृंदावन हो ऐसी मनोकामना के साथ यह वार्ता पूरी हुई।

श्री कृष्ण लीला का मंचन, उनके खेल की प्रतियोगिता हो, उस समय उनके खेल जो थे उन्हें आज के परिवेश में अत्याधुनिक तरीके से वैज्ञानिक आधार पर बच्चों को सिखाया जायेगा।

उनको अलग तरीके से खिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इस खेल का जगह-जगह पर देश में और  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ये खेल प्रतियोगिता कराई जाएंगी।

ये खेल प्रतियोगिताएं कराने से एक और नया भारतीय खेल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान के साथ धूम मचाने को आ रहा है।

हर ब्लाक में इस खेल की समिति गठित की जाएगी। इसलिए हमारा मानना है कि आप सब को इस में जोड़ना ही चाहिए। सभी भारतवासियों को अपने बच्चों को इसमें खेलने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिएं।

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