बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार काम कर रही हैं पोषण योद्धा कुमारी संगीता

 

– लखीसराय सदर पंचायत के महिसोना गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 160 पर महिला पर्यवेक्षिका संगीता कुमारी को मिला था एक कुपोषित लड़का, लखीसराय नगर परिषद क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 72 पर भी देखी थी एक कुपोषित नवजात बच्ची
– महिला पर्यवेक्षिका ने दोनों बच्चों के माता- पिता को समझाकर कुपोषण से मुक्ति के लिए लड़के को एनआरसी और नवजात बच्ची को एसएनसीयू में कराया था भर्ती

लखीसराय-

लखीसराय सदर क्षेत्र में काम करने वाली समेकित बाल विकास सेवाएं (आइसीडीएस) की महिला पर्यवेक्षिका ( एलएस) कुमारी संगीता महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार काम कर रही हैं ।
आंगनबाड़ी केंद्र पर देखा एक कुपोषित बच्चे को –
महिला पर्यवेक्षिका ( एलएस) कुमारी संगीता ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान एक बार लखीसराय नगर पंचायत क्षेत्र के महिसोना में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 160 पर सेविका सुनिता कुमारी के साथ महिलाओं और बच्चों के बीच टेक होम राशन ( टीएचआर) का वितरण कर रही थी । इसी दौरान आंगनबाड़ी केंद्र पर लगभग 8 से 9 महीने के एक बच्चे को उन्होंने देखा । वह अपने उम्र के अनुसार कम हाइट और वजन का लगा। शक हुआ कि हो न हो बच्चा कम वजन और बौनापन का शिकार तो नहीं है। इसके बाद बच्चे का वजन कराया तो बच्चे का वजन मात्र डेढ़ किलो ही था। इसके बाद उन्होंने बच्चे के पिता चिंटू शाह और मां प्रिया कुमारी से मिलकर बच्चे के कुपोषित होने की बात कही और बताया कि सरकार ने ऐसे बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए जिला स्तर पर पोषण और पुनर्वास केंद्र की स्थापना की है| जहां कुछ दिनों तक बच्चे को रखकर उसके पोषण पर पूरा ध्यान दिया जाता है। इसके बाद बच्चे के पोषण स्तर में सुधार के बाद ही बच्चे को वापस घर भेजा जाता है। उंन्होने बताया कि शुरू में बच्चे के मां – पिताजी को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ| वो लोग बच्चे का इलाज किसी निजी अस्पताल में कराना चाहते थे लेकिन बहुत समझाने के बाद दोनों अपने बच्चे को लखीसराय सदर अस्पताल स्थित पोषण और पुनर्वास केंद्र ( एन आरसी) में भर्ती कराने के लिए तैयार हुए। इसके बाद 14 दिनों तक बच्चे को एनआरसी में रखकर उसके पोषण का उचित ख्याल रखने के बाद बच्चे की सेहत में सुधार हुआ और वो स्वस्थ्य होकर अपने घर गया।

महिला पर्यवेक्षिका कुमारी संगीता ने बताया कि इसी तरह से एक बार क्षेत्र भ्रमण के दौरान लखीसराय नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत कवैया ओपी दक्षिण ठठेरी टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 72 पर सेविका बबिता आनंन्द के साथ टेक होम राशन (टीएचआर) के वितरण के दौरान एक अति कुपोषित नवजात बच्ची पर उनकी नज़र पड़ी। देखा कि चंदन ठठेरा और रूपा कुमारी की 14 – 15 दिनों की लड़की सृष्टि कुमारी अपेक्षाकृत रूप से काफी कुपोषित है। इसके बाद बच्ची का वजन कराया तो उसका वजन मात्र 1 किलो 700 ग्राम ही था। इसके बाद बच्ची के माता- पिता को तत्काल बच्ची को सदर अस्पताल लखीसराय स्थित स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट ( एस एसीयू) में भर्ती करवा कर इलाज करवाने की सलाह दी। बताया कि एसएनसीयू में 15 दिनों तक रखकर इलाज करने के बाद बच्ची की सेहत में काफी सुधार हुआ तो बच्ची को डिस्चार्ज किया गया । इसके बाद मैंने बच्ची की मां को अपने पोषण पर ठीक से ध्यान देने के लिए पौष्टिक आहार लेने और कम से कम छह महीने तक अपनी बच्ची को सिर्फ और सिर्फ अपना स्तनपान कराने की सलाह दी क्योंकि छह महीने तक बच्चों के पोषन के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। छह महीने के बाद ही बच्ची को स्तनपान के साथ- साथ थोड़ी- थोड़ी अनुपूरक आहार भी देने की कोशिश करनी चाहिए ताकि बच्चे में सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति हो सके और वो कभी भी कुपोषण का शिकार नहीं हो सके।

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