Covid-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बीच भी दी जा रही है बेहतर स्वास्थ्य सेवा

खगड़िया: गर्भावस्था के दौरान हर महिला के मन में सामान्य और सुरक्षित प्रसव को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते हैं, जो लाजिमी भी है।

दरअसल, हर महिला सामान्य और सुरक्षित प्रसव चाहती है। किन्तु, इस दौरान छोटी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है।

इसलिए, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

दरअसल, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थान यानी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं और सुरक्षा के हर मानकों का भी ख्याल रखा जाता है।

इससे न सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा बल्कि, मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।

सुरक्षित प्रसव के लिए उपलब्ध हैं सुरक्षा की पर्याप्त सुविधा, प्रसव के बाद दी जाती है आवश्यक जानकारी

खगड़िया सदर पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजीव कुमार ने बताया, सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित प्रसव के लिए सुरक्षा के मद्देनजर समुचित व्यवस्था उपलब्ध हैं।

इसके अलावा प्रसव के बाद महिलाओं को स्वास्थ्य एवं शिशु के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाती है।

ताकि प्रसव के पश्चात भी माता एवं शिशु को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक पीड़ा नहीं हो और होने पर तुरंत आवश्यक उपचार करा सकें।

कोविड-19 संक्रमण की दूसरा लहर के दौरान भी दी जा रही है बेहतर स्वास्थ्य सेवा

कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान भी प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाली गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है।

इस दौरान कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनजर हर मानकों का ख्याल रखा जा रहा है।

ताकि प्रसव के दौरान संक्रमण की संभावना उत्पन्न नहीं हो और महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर प्रसव करा सकें।

इससे ना सिर्फ सिर्फ प्रसूती महिलाएं सुरक्षित रहेंगी बल्कि, प्रसव कराने वाली एएनएम समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी सुरक्षित रहेंगे और लोग संस्थागत प्रसव को ही प्राथमिकता देंगे।

इसके लिए प्रत्येक प्रसव के पश्चात प्रसव कक्ष (लेबर रूम) को सैनिटाइज एवं अच्छी तरह सफाई की जाती है और प्रसूति को डिस्चार्ज करने के बाद बेड को भी सैनिटाइज किया जाता है।

सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच है जरूरी 

शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए बेहतर प्रसव एवं उचित स्वास्थ्य प्रबंधन जरूरी है। प्रसव पूर्व जाँच से ही गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलती है।

गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास एवं प्रसव के दौरान होने वाले रक्तश्राव के प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में खून होना आवश्यक होता है।

जिसमें प्रसव पूर्व जाँच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एनीमिया प्रबंधन के लिए प्रसव पूर्व जाँच के प्रति महिलाओं की जागरूकता न सिर्फ एनीमिया रोकथाम में सहायक होती है।

बल्कि सुरक्षित मातृत्व की आधारशिला भी तैयार करती है। ऐसे में प्रसव पूर्व जांच की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि यह मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत की जाती है मुफ्त जाँच

सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच हर माह की नौ तारीख को सभी पीएचसी एवं सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत की जाती है।

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस आदि कार्यक्रम के माध्यम से एनेमिक गर्भवती महिलाओं की जाँच की जा रही एवं साथ ही सामुदायिक स्तर पर गर्भवती महिलाओं को बेहतर खान-पान के बारे में भी जानकारी दी जा रही।

इसके साथ ही अधिक से अधिक गर्भवती माताओं के प्रसव पूर्व जाँच सुनिश्चित कराने पर बल दिया जा रहा है।

इसके लिए सभी एएनएम एवं आशाओं का क्षमतावर्धन भी किया गया है। गर्भवती महिलाओं की चारों प्रसव पूर्व जांच माता एवं उसके गर्भस्थ शिशु की स्थिति स्पष्ट करती है और संभावित जटिलताओं का पता चलता है।

लक्षणों के मुताबिक जरूरी चिकित्सीय प्रबंधन किया जाता है ताकि माता और उसके शिशु दोनों स्वस्थ रहें।

इन मानकों का रखें ख्याल, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर

1. साबुन या अन्य अल्कोहलयुक्त पदार्थों से बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।

2. मुँह, नाक, ऑख को अनावश्यक छूने से बचें।

3.मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें और दूसरों को जागरूक करें।

4. बाहर निकलने पर सैनिटाइजर जरूर पास में रखें।

5. बाहर का खाना खाने से बचें और जहाँ सुरक्षा के मानकों का ख्याल नहीं रखा जाता हो वहाँ बिलकुल नहीं खाएँ।

6. साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

7. भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।

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