आंगनबाड़ी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप के सफ़ल संचालन को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

मुंगेर: राज्य सरकार के द्वारा आईसीडीएस के माध्यम से संचालित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों की शत-प्रतिशत निगरानी के साथ ही मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया को अपग्रेड किया जा रहा है।

इसी क्रम में राज्य सरकार ने पोषण ट्रैकर के नाम से एक ऑनलाइन एप विकसित किया है। इसके माध्यम से जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और मूल्यांकन में आसानी होगी।

जिला के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप के सफल संचालन की जानकारी देने के लिए लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

पिछले दिनों ही जिला के धरहरा प्रखंड में सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप के सफल संचालन के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

आंगनबाड़ी केंद्रों की महत्ता को देखते हुए इसे पूरी तरीके से हाईटेक करने की तैयारी 

मुंगेर ग्रामीण में कार्यरत समेकित बाल विकास परियोजना सेवा (आईसीडीएस ) की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) सुष्मिता ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों की महत्ता को देखते हुए अब इसे पूरी तरीके से हाईटेक करने की तैयारी की जा रही है।

ताकि आईसीडीएस के स्तर पर दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता व संचालन को और अधिक सुविधाजनक और सरल बनाया जा सके। इसके लिए राज्य सरकार ने पोषण ट्रैकर एप की शुरुआत की है।

इस एप के सफल संचालन के बारे में सेविकाओं को जानकारी देने के लिए प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

इसके लिए प्रखंडों में सेविकाओं की दो से तीन बैच बनाकर ऑफलाइन एप के सफल संचालन और अन्य आवश्यक जानकारी दी जा रही है। जिला के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को पहले ही स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जा चुका है।

प्रशिक्षकों के द्वारा सेविकाओं के स्मार्ट फोन में पोषण ट्रैकर एप डाऊनलोड करने और उसका उपयोग करने की जानकारी दी जा रही है।

मुंगेर ग्रामीण की सीडीपीओ सुष्मिता ने बताया कि सेविकाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता को लेकर विभाग ने सभी पंचायत में निगरानी का जिम्मा उस प्रखंड की सीडीपीओ को दिया है।

ताकि वो प्रशिक्षण स्थल पर जाकर भौतिक सत्यापन कर सके कि सेविकाओं ने अपने स्मार्ट फोन में एप को डाउनलोड किया या नहीं।

एप के प्रशिक्षण के बाद स्थानीय स्तर पर सेविकाओं के द्वारा दी जा रही सभी पोषण गतिविधियो की जानकारी पोषण ट्रैकर एप पर नियमित रूप से अपलोड की जाएगी।

इससे रियल टाइम मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। एप के द्वारा सेविकाएं क्षेत्र में उपस्थित नवजात शिशुओं, गर्भवती- धातृ महिलाओं के पोषण व स्वास्थ्य की जानकारी , टीएचआर का वितरण, बच्चों के ग्रोथ की मॉनिटरिंग आदि तमाम जानकारी दर्ज करेंगी ।

एप के माध्यम से कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करना होगा आसान:

उन्होंने बताया कि एप्प के माध्यम से कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करने के साथ ही आंगनबाड़ी क्षेत्रों में गर्भवती – धातृ महिलाओं, शून्य से तीन वर्ष के बच्चे, 3 से 6 वर्ष के बच्चे, किशोर- किशोरियों के साथ ही आंगनबाड़ी पोषक क्षेत्र के अनाथ बच्चों व उन सभी के स्वास्थ्य की जानकारी नियमित रूप से सेविकाओं के द्वारा अपलोड किया जाएगा।

इससे विभाग के द्वारा कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करने के साथ ही नियमित निगरानी भी आसान हो जाएगी।

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