सुरक्षित गर्भपात से मृत्यु दर में लाई जा सकती है कमी

-अभी असुरक्षित गर्भपात से होने वाली मौत का राष्ट्रीय औसत है 8 प्रतिशत
– सुरक्षित गर्भपात पर क्षेत्रीय प्रबंधन ईकाई और आईपास की ओर से हुई बैठक

भागलपुर-
आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सहयोग से क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई की बुधवार को शहर के एक होटल में सुरक्षित गर्भपात विषय पर एक बैठक हुई। बैठक में भागलपुर के सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा, एसीएमओ डॉ. अंजना प्रकाश, बांका और भागलपुर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, आरपीएम अरुण प्रकाश समेत भागलपुर और बांका के कई डॉक्टर और अस्पताल मैनेजर मौजूद थे।
एमटीपी एक्ट 1971 के अनुरूप सुरक्षित गर्भपात सेवा देना शुरू करें-
बैठक की अध्यक्षता क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ. सुरेश प्रसाद सिन्हा ने की। बैठक की शुरुआत क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक अरुण प्रकाश ने अतिथियों के स्वागत के साथ की । । डॉ. सुरेश प्रसाद सिन्हा ने बैठक के उद्देश्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा असुरक्षित गर्भपात से प्रत्येक महीने बहुत सारी महिलाओं की मौत हो जाती है। राष्ट्रीय मृत्यु दर में इसका योगदान 8 प्रतिशत है। अगर हमलोग अपने संस्थान से सुरक्षित गर्भपात की सेवा महिलाओं को उपलब्ध कराएं तो इसे आसानी से रोक सकते हैं। भागलपुर क्षेत्र में सुरक्षित गर्भपात पर चिंता जाहिर करते हुए कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टरों को निर्देश दिया कि एमटीपी एक्ट 1971 के अनुरूप सुरक्षित गर्भपात सेवा देना शुरू करें। मालूम हो कि आईपास डेवलपमेंट 2002 से सुरक्षित गर्भपात पर भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। इस बैठक में इस बात का जिक्र किया गया सुरक्षित गर्भपात को लेकर आईपास डेवलपमेंट मदद करेगी।
भारत में सुरक्षित गर्भपात कानूनी रूप से मान्यः
आईपास प्रतिनिधि निलेश कुमार ने भारत और बिहार में आईपास क्या-क्या करती है इसके बारे में बताया। आई पास प्रतिनिधि शंकर दयाल सिंह के द्वारा 2016 से अबतक कितने डॉक्टर को प्रशिक्षित किया गया है और प्रशिक्षण के दौरान किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है, इसके बारे में बताया गया । शंकर दयाल सिंह ने बताया कि भारत में सुरक्षित गर्भपात कानूनी रूप से मान्य है और इसे लेकर 1971 में एक्ट पारित किया गया है। एक्ट के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि कुछ शर्तों के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उससे बड़े सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित गर्भपात कराया जा सकता है। इसमें दस्तावेजीकरण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस दौरान उपस्थित प्रतिनिधियों के स्वास्थ्य संस्थान द्वारा सुरक्षित गर्भपात पर अपलोड किए गए डाटा में क्या-क्या कमी है, इसके बारे में भी बताया गया। बैठक में वैसे स्वास्थ्य संस्थान जहां कि सुरक्षित गर्भपात की सेवा नहीं दी जा रही है, वहां तत्काल इसे शुरू करने के लिए कहा गया। साथ नियमित रूप से इसका डाटा वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा गया।
सुरक्षित गर्भपात कराने वाले चिकित्सक को 500 रुपये दें
मौके पर मौजूद अस्पताल के मैनेजरों को निर्देश दिया गया कि सुरक्षित गर्भपात कराने के लिए योग्य चिकित्सक को 500 रुपये की राशि आवंटित है। इसलिए अपने संस्थान में इसे प्रदान करना सुनिश्चित करें। सुरक्षित गर्भपात से संबंधित उत्प्रेरक के रूप में आशा एवं सुरक्षित गर्भपात के बाद आईयूसीडी लगाने वाले के लिए भी प्रोत्साहन राशि आवंटित है। इसे अपने संस्थान पर देना सुनिश्चित करें। कोरोना के दौरान बहुत सारी महिलाएं अवांछित गर्भ का समापन कराना चाहती हैं। आवागमन बाधित होने के कारण उनका गर्भ प्रथम तिमाही से दूसरी तिमाही में प्रवेश कर चुका है। ऐसी महिलाओं को सदर अस्पताल और जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजें।

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