- बरौनी में आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सहयोग से हुई बैठक
- द्वितीय तिमाही के गर्भवती का विशेष ख्याल रखने का दिया गया निर्देश
बेगूसराय, 17 दिसंबर।
शुक्रवार को बरौनी के एक निजी होटल में क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई मुंगेर के द्वारा आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सहयोग से सुरक्षित गर्भपात विषय पर एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता क्षेत्रीय अपर निदेशक डाॅ विजेंद्र सत्यार्थी ने की। बैठक में मुंगेर प्रबंधन इकाई के सभी जिले मुंगेर, बेगूसराय, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा एवं खगड़िया के प्रशिक्षित चिकित्सक, उपाधीक्षक एवं स्वास्थ्य प्रबंधक शामिल हुए। बैठक में मासिक डेटा पर विस्तृत चर्चा करते हुए मौजूद पदाधिकारियों से फीडबैक ली गयी। इसके अलावा सुरक्षित गर्भपात सेवा को बढ़ावा देने पर बल दिया गया। ताकि शिशु-मृत्यु दर में कमी आ सके और इच्छुक गर्भवती महिलाएं सुविधाजनक तरीके से अनचाहे गर्भ से छुटकारा पा सके। इस दौरान ऐसे गर्भवती का विशेष ख्याल रखने पर बल दिया गया, जो किसी कारण गर्भधारण के द्वितीय तिमाही स्टेप में पहुँच गईं हैं। बैठक में बेगूसराय के सिविल सर्जन डाॅ विनय कुमार झा, आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के शंकर दयाल सिंह समेत सभी जिले के प्रशिक्षित चिकित्सक, उपाधीक्षक एवं प्रबंधक मौजूद थे।
- मातृ-मृत्यु का कारण असुरक्षित गर्भपात :
क्षेत्रीय अपर निदेशक डाॅ विजेंद्र सत्यार्थी ने बताया, देश में 08% मातृ-मृत्यु असुरक्षित गर्भपात के कारण ही होता है। इसलिए, सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके लिए गर्भपात के दौरान गर्भधारण अवधि का विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ताकि गर्भपात के दौरान किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी उत्पन्न नहीं हो और इच्छुक महिलाएं सुविधाजनक तरीके से गर्भपात कराकर अनचाहे गर्भ से छुटकारा पा सकती है। इसको लेकर द्वितीय तिमाही के स्टेप में पहुँच चुकी गर्भवती को सुरक्षित गर्भपात के लिए सदर अस्पताल भेजने का निर्देश दिया गया है। - द्वितीय तिमाही स्टेप में पहुँच चुकी गर्भवती का एमटीपी एक्ट के तहत कराया जाएगा सुरक्षित गर्भपात :
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक रूप नारायण शर्मा ने बताया, ऐसी गर्भवती महिलाएं, जो किसी कारणवश जाने-अनजाने में द्वितीय तिमाही स्टेप में जा चुकी है उन गर्भवती का एमटीपी एक्ट के तहत सुरक्षित गर्भपात करायी जाएगी। इससे ना सिर्फ सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा मिलेगा बल्कि, लाभार्थियों को भी सुविधा होगी और मातृ-मृत्यु दर में कमी आएगी। इसके अलावा गर्भपात सुविधा के साथ परिवार नियोजन साधन को भी अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। ताकि परिवार नियोजन साधन को बढ़ावा मिल सके और लाभार्थियों को स्थाई निजात मिल सके। इसके लिए लाभार्थियों को भी अनचाहे गर्भ से स्थाई निजात मिलेगी। वहीं, उन्होंने बताया, मुंगेर इकाई के द्वारा वर्ष 2016 से 2021 के बीच 69 चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षित चिकित्सक अपने संस्थान में सुरक्षित गर्भपात की सेवा दे रहे या नहीं, इस विषय पर भी चर्चा की गई। जिसके बाद चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश दिए गए। - सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता जरूरी :
आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के शंकर दयाल सिंह ने कहा, सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता जरूरी है। इसलिए, महिलाओं को जागरूक करें और एमटीपी एक्ट के संबोधित नियमों की जानकारी उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया, एमटीपी एक्ट 1971 के तहत सशर्त 20 सप्ताह तक का गर्भपात कराना वैध था। किन्तु, संबोधन के बाद इस अवधि को बढ़ाकर 24 सप्ताह कर दिया गया।