कनाडा की एक अदालत ने एयर इंडिया, एएआई को जब्त करने का आदेश दिया है

देवास के शेयरधारकों को राशि का भुगतान नहीं करना सरकार को भारी पड़ गया है। देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भारत सरकार के खिलाफ 1111 मिलियन मध्यस्थता फैसले को लागू करने की मांग करते हुए कई याचिकाएं दायर की हैं। कनाडा की एक अदालत ने एयर इंडिया और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की ओर से इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा एकत्र किए गए धन को जब्त करने का आदेश दिया है।

आदेश के मुताबिक, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से 68.68 करोड़ रुपये जब्त किए जाएंगे। एयर इंडिया से राशि की वसूली अभी बाकी है क्योंकि इसकी सही राशि का पता लगाया जाना बाकी है। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब टाटा समूह ने पिछले साल सफल बोली में सरकारी कंपनी का अधिग्रहण किया था। सौदा टाटा समूह को किसी भी पुराने मामले के खिलाफ क्षतिपूर्ति देता है।

शेयरधारकों ने क्यूबेक अदालत में भारत सरकार के खिलाफ 111 मिलियन का मुकदमा जीता। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि वह पद छोड़ने के बाद क्या करेंगे। हम इसे दुनिया की सभी अदालतों में तब तक चुनौती देते रहेंगे जब तक भारत सरकार अपने बकाया कर्ज का भुगतान नहीं कर देती। इस मामले में भारत सरकार काफी अवैध तरीके से काम कर रही है। जब तक हम समझौता नहीं कर लेते तब तक कार्यवाही जारी रहेगी। देवास के शेयरधारकों का रवैया पहले से ही साफ था। वे चाहते थे कि आज्ञा का पालन किया जाए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।

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