योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से टिकट, क्या है खास ?

गोरखपुर सदर विधानसभा सीट पर पिछले 33 वर्षों से बीजेपी का ही कब्जा है और योगी आदित्यनाथ खुद वर्ष 1998 से लेकर 2017 तक गोरखपुर संसदीय सीट से लगातार जीतते रहे हैं। गोरखपुर क्षेत्र की एक-एक विधानसभा सीट पर सीएम योगी की अच्छी पकड़ मानी जाती है ऐसे में उनके लिए यहां से जीतना बेहद आसान माना जा रहा है।

योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से बतौर बीजेपी उम्मीदवार गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों पर भी सीधी नजर रख सकेंगे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 41 सीटों में से ज्यादातर पर बीजेपी का ही कब्जा है। लखनऊ की गद्दी पर योगी आदित्यनाथ को बैठाने में इन सीटों का बड़ा योगदान रहा है। ऐसे में बीजेपी और योगी आदित्यनाथ आगामी चुनाव में भी ये सारी सीटें अपने कब्जे में रखने की पुरजोर कोशिश करेंगे।

पिछले दो विधानसभा चुनाव के नतीजों के देखें तो गोरखपुर सदर सीट पर कुल पड़े वोट का 50 प्रतिशत हिस्सा बीजेपी के खाते में गया था। वर्ष 2017 में भी बीजेपी के राधामोहन दास अग्रवाल को 1,22,221 वोट यानी 55.85% प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के राधामोहन दास अग्रवाल को 49.19% वोट हासिल हुए थे।

गोरखपुर सदर सीट पर इस वक्त कुल 4,53,662 रजिस्टर्ड वोटर्स हैं, जिनमें 2,43,013 पुरुष और 2,10,574 महिलाएं हैं। इस सीट पर करीब 60 हजार ब्राह्मण, जबकि 45 हजार से ज्यादा कायस्थ वोटर्स हैं। इसके अलावा 15 हजार क्षत्रिय और करीब 30 हजार मुस्लिम वोटर्स है। इसके अलावा वैश्य, यादव, निषाद और दलित वोर्टस भी अच्छी खासी तादाद में हैं हालांकि गोरखपुर के सियासी इतिहास को देखें तो यहां यह सारे जातीय समीकरण सीएम योगी की रणनीति के आगे धराशायी होते रहे हैं और चुनावों में वही उम्मीदवार जीतता रहा है, जिसे सिर पर मठ का हाथ हो।

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