गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण मिलने से कांग्रेस में विवाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान दिए जाने के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश की टिप्पणी से पैदा हुए विवाद के बीच कपिल सिब्बल के बाद अब आनंद शर्मा ने भी आजाद का समर्थन किया है। आनंद शर्मा ने ट्वीट कर गुलाम नबी आजाद को बधाई दी है और कहा है कि संसदीय लोकतंत्र और जनसेवा के लिए उनके आजीवन योगदान को मान्यता मिली है।

दरअसल जयराम रमेश ने बुद्धदेव भट्टाचार्य के पद्म भूषण लेने से इनकार की खबर को शेयर करते हुए इसे सही कदम बताया था। इसके साथ ही उन्होंने गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे आज़ाद रहना चाहते हैं, गुलाम नहीं। इसके जवाब में कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण दिए जाने का स्वागत किया था और कांग्रेस पर भी सवाल खड़े कर दिए थे। सिब्बल ने अपनी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह विडंबना है कि कांग्रेस को आजाद की सेवाओं की जरूरत नहीं है, जबकि राष्ट्र उनके योगदान को स्वीकार कर रहा है।
वहीं कांग्रेस के एक और नेता राज बब्बर ने भी गुलाम नबी आजाद को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आप बड़े भाई की तरह हैं और आपका बेदाग सार्वजनिक जीवन और गांधीवादी आदर्शों को लेकर प्रतिबद्धता हमेशा प्रेरणा रही है।” कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा को कांग्रेस के उन असंतुष्ट नेताओं के गुट का माना जाता है, जिन्होंने कांग्रेस के सर्वोच्च नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। आजाद, सिब्बल और आनंद शर्मा तीनों ही कांग्रेस के उस ‘जी 23’ का हिस्सा हैं जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय संगठन की मांग की थी।

SHARE