केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीताराम को मंगलवार को बजट 207 पेश किया गया। पिछले कुछ समय से देश में क्रिप्टोकरेन्सी प्रतिबंधों के मुद्दे पर गर्मागर्म बहस चल रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीताराम के अनुसार, रिजर्व बैंक एक ब्लॉकचेन तकनीक-आधारित ‘डिजिटल रुपया’ लॉन्च करेगा, जिसे भारत सरकार की आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी कहा जा सकता है।
हालाँकि, सरकार ने अभी तक निजी क्रिप्टोकरेंसी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। दूसरी ओर, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन पर 20 प्रतिशत और आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल मुद्रा की शुरुआत से देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यह मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को काफी सस्ता बना देगा। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले वित्तीय वर्ष में ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करके डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेगा।
सरकार ने अभी तक बिटकॉइन पर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं की है, लेकिन लोगों को निजी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर कर देना होगा। ऐसा लगता है कि बिटकॉइन और अन्य निजी क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों को निर्मला सीतारमण की क्रिप्टोकरेंसी पर कर की घोषणा से कड़ी चोट लगी है। बजट में कहा गया है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर पर भी 1% टीडीएस लगेगा। भारत को डिजिटल मुद्रा को सुरक्षित रखने और साइबर अपराध का मुकाबला करने के लिए एक पूर्ण-प्रूफ रक्षा प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता होगी। इसके लिए बायोमेट्रिक, चाइल्ड डिटेक्शन जैसी तकनीक की मदद से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी में उपहार प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को कर का भुगतान करना होगा। यह टैक्स एनएफटी पर भी लागू होगा। हालांकि, बजट भाषण में एनएफटी का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया गया था। एनएफटी ब्लॉकचेन पर आधारित है, इसलिए यहां किए गए सभी लेनदेन पर 30% कर लगेगा।