फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने 15,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि की वसूली के लिए बोलियों के माध्यम से एफआरएल की संपत्ति की बिक्री के लिए सुप्रीम कोर्ट में आठ बैंकों के एक समूह से संपर्क किया है।
बैंकों को कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देने वाली एफआरएल की याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था।
एफआरएल की ओर से पेश अधिवक्ता हरीश साल्वे ने सुनवाई के बाद कहा कि मामले में आगे की सुनवाई एक सप्ताह नहीं तो 10 दिनों के लिए स्थगित किए जाने की संभावना है। साल्वे ने शीर्ष अदालत से कहा, “हमें सप्ताह में दस दिन बैंकों में आकर बात करने का समय दिया जाना चाहिए।”
बैंकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि एफआरएल ने बैंकों को 15,000 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। अगर एफआरएल को और समय दिया जाता है तो यह राशि बढ़कर 5,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है।
उन्होंने आगे कहा कि FRL को खरीदने के लिए Amazon और Reliance के बीच होड़ है और मामला कोर्ट में जा रहा है। अगर ऐमजॉन केस जीत जाती है तो फ्यूचर को 5,000 करोड़ रुपये और रिलायंस की जीत पर उसे 5,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। चूंकि इस राशि का भुगतान पूरे समूह को किया जाना है, इसलिए बैंकों को दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जाएगा।