चाइना एलीफेंट वॉक के पास 130 विमानों के साथ अमेरिकी शक्ति प्रदर्शन

यूक्रेन को लेकर रूस और चीन के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर संयुक्त राज्य अमेरिका प्रशांत महासागर में बड़े पैमाने पर युद्ध खेल आयोजित कर रहा है। कॉर्प नार्थ 22 नामक अभ्यास में अमेरिकी वायु सेना के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया की वायु सेना भी भाग ले रही है।

गुआम में एंडरसन एयर फ़ोर्स बेस पर आयोजित इस अभ्यास ने अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के एलीफ़ेंट वॉक की ताकत का प्रदर्शन किया। इस दौरान 130 विमानों को लाइन में खड़ा कर रनवे पर उतारा गया।

इतना ही नहीं, इन विमानों ने एक साथ कई युद्ध संरचनाओं का निर्माण करते हुए हवा में उड़ान भरी। चीन से 2,900 किलोमीटर दूर अमेरिकी ताकत के प्रदर्शन को बीजिंग और मॉस्को के लिए सीधी चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है।

गुआम प्रशांत महासागर में सबसे बड़ा अमेरिकी नौसैनिक और वायु सेना का अड्डा है। इस बेस का मुख्य उद्देश्य प्रशांत महासागर में चीन और रूस की आक्रामकता पर अंकुश लगाना है। इसके अलावा अमेरिकी सेना की 7वीं ब्रिगेड भी जापान में उपलब्ध है।

इस प्रकार एशिया से हजारों किमी दूर होने के बावजूद अमेरिका एशिया का सबसे बड़ा रणनीतिक खिलाड़ी है। 2 फरवरी से 18 फरवरी तक चलने वाले अभ्यास में 2,500 से अधिक अमेरिकी एयरमैन, मरीन और नाविक हिस्सा ले रहे हैं।

हजारों जापानी और ऑस्ट्रेलियाई नौसैनिक भी शामिल हैं। एलीफेंट वॉक शब्द द्वितीय विश्व युद्ध से आया है। उस समय दुश्मनों पर बमबारी के लिए बड़ी संख्या में लड़ाकू जेट और बमवर्षक एक साथ उतारे गए थे।

उस समय टेकऑफ़ हाथियों के झुंड की तरह लग रहा था। विमान को रनवे पर हाथी की नाक से पूंछ तक के आकार में व्यवस्थित किया जाता है। इनमें बड़े ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट, मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, अटैक हेलीकॉप्टर, ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर शामिल हैं। गुआम द्वीप का अमेरिका के लिए विशेष महत्व है।

संयुक्त राज्य अमेरिका इस बेस के माध्यम से चीन और उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर नजर रख सकता है, लेकिन उन्हें जवाब देने के लिए नौसैनिक अवरोधों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यहां पांच हजार अमेरिकी सैनिक हैं। अमेरिकी रणनीतिक बमवर्षक, युद्धपोत चीन के आसपास के इलाकों में लगातार गश्त कर रहे हैं।

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