1.15 लाख km की यात्रा कर 144 जवानों के घर की मिट्टी माथे पर लगाकर दी शहीदों को श्रद्धांजलि,

14 फरवरी को पुलवामा हमले की बरसी थी। हर आम और खास ने देश पर जान न्योछावर करने वाले सीआरपीएप के 40 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। लेकिन बेंगलुरु के रहने वाले पूर्व फार्मेसी प्रोफेसर और म्यूजिशियन उमेश गोपीनाथ जाधव ने शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के अनोखो तरीके के बारे में जानकर आपकी आंखे नम हो जाएंगी और आप उन्हें सलाम किए बिना नहीं रह पाएंगे।

14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के बारे में जानने के बाद उमेश गोपीनाथ ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी और शहीदों के परिवारों से मिलने और उनके घरों के बाहर से मिट्टी इकट्टा करने का फैसला किया था। 9 अप्रैल 2019 को अपनी पत्नी और बेटी को घर पर छोड़कर अपने उद्देश्य पर निकल पड़े।

बीते सोमवार को उमेश गोपीनाथ जाधव सड़क मार्ग से 1.15 लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी कर बेंगलुरू पहुंचे। अपनी इस यात्रा में उन्होंने न केवल पुलवामा शहीदों के परिवार से मुलाकात की बल्कि पहले और दूसरे विश्व युद्ध, कारगिल युद्ध, उरी हमला, पठानकोट हमाला, ऑफरेशन रक्षक, गलवान संघर्ष और हाल ही में कुन्नूर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की, जिसमें देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया था। इस तरह उमेश गोपीनाथ ने कुल 144 शहीदों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।

उनकी इस यात्रा के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। अजमेर में एक म्यूजिक कंसर्ट के बाद पिछले साल 14 फरवरी को उमेश जाधव बेंगलुरु में अपने घर के लिए लौट रहे थे। जयपुर एयरपोर्ट पर टीवी स्क्रीन में यह न्यूज लगातार चलने लगी कि आत्मघाती हमलावरों ने सीआरपीएफ काफिले पर हमला कर दिया। जैसे ही वह विचलित कर देनेवाला दृश्य टीवी पर चलने लगा, तब उन्होंने अपने मन में कहा कि उन्हें के शहीद परिवारों के लिए कुछ करना है।

फिर उन्होंने शहीदों के घरों से मिट्टी इकट्टा करने का फैसला किया। पहले ही पुलवामा शहीदों की मिट्टी से उन्होंने एक स्मारक बनाया है और अब अन्य शहीदों के घरों से एकत्र की गई मिटी को भी वे दिल्ली में एक और स्मारक बनाने के लिए रक्षा बलों को सौंप देंगे।

उमेश गोपीनाथ जाधव का कहना है कि उन्होंने सबसे पहले मांडया में सीआरपीएफ जवान एच गुरु के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी। वे कहते हैं कि किसी भी शहीद परिवार ने मुझसे मिलने से इंकार नहीं किया। कई लोगों ने मुझे अपने घर पर ठहराया, हालांकि लॉकडाउन की वजह से इस काम में कुछ देरी हुई।

गोपीनाथ जाधव ने अपनी यात्रा के दौरान दो फिल्ड मार्शल जनरल के.एम. करियप्पा और जनरल सैम मानेकशॉ और 26/11 हमले में शहीद हुए मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के घरों से से भी मिट्टी एकत्र की। अब जाधव और उनके दोस्त शहीदों के परिवारवालों से बातचीत और अपनी यात्रा के संबंध में एक डाक्यूमेंट्री बनाने की योजना बना रहे हैं, जिसे वे शहीद के परिवारों और रक्षा मंत्रालय को देंगे।

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