*स्मृति पटल*
22 मई 2004 को अटल जी की सरकार औपचारिक रूप से विदा हुई और गांधी परिवार ने श्री मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया… 2014 तक कांग्रेस की सरकार केंद्र में रही… चित्रों में दिखाई दे रहे चिथड़े हो गए मानुष याद हैं न ?? भूल गये होंगे क्योंकि हमारी स्मृति बहुत कमजोर होती है, चलिए मैं याद दिला देता हूँ।
● 15 अगस्त 2004- असम के धिमजी स्कूल में बम ब्लास्ट, 18 मरे 40 घायल
● 5 जुलाई 2005- अयोध्या में रामजन्म भूमि पर आतंकवादी हमला, 6 मरे, दर्जनों घायल
● 28 जुलाई 2005- जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में RDX द्वारा बम विस्फोट, 13 मरे, 50 घायल
● 29 अक्टूबर 2005- दीपावली के त्यौहार के दो दिन पहले दिल्ली के गोविंदपुरी की बस, पहाड़गंज और सरोजनी नगर के भीड़भाड़ वाले इलाके में सीरियल ब्लास्ट, 70 लोगों के चिथड़े उड़ा दिए गए और 250 से ज्यादा घायल हुए, तारिक अहमद डार और रफीक मास्टरमाइंड।
● 28 दिसम्बर 2005- बैंगलोर के इंस्टीट्यूट आफ साइंस पर आतंकवादी हमला, 1 मरा 4 घायल
● 7 मार्च 2006- हिंदुओं की श्रद्धा के केंद्र वाराणसी के प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर और भीड़भाड़ वाले कैंट रेलवे स्टेशन पर 3 बम ब्लास्ट करके 28 श्रद्धालुओं, नागरिको को बम से उड़ा दिया,101 लोग घायल हुए, लश्करे कुहाब और सिमी का हाथ।
● 11 जुलाई 2006- मुम्बई में एक साथ
माटुंगा रोड, माहिम, बांद्रा, खार रोड, जोगेश्वरी, भाइंदर, बोरिवली स्टेशनों के लोकल ट्रेन में सीरियल ब्लास्ट, 209 मरे 700 से ज्यादा घायल, फैसल शेख, आसिफ अंसारी, आसिफ खान, कमल अंसारी, एहतसाम सिद्दकी और नावेद खान घटना के प्रमुख सूत्रधार।
● 8 सितंबर 2006- मालेगांव की मस्जिद में सीरियल ब्लास्ट, 37 मरे, 125 घायल, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया का हाथ… बाद में चार्जशीट बदलकर हिन्दू आतंकवाद की ऐतिहासिक असफल थ्योरी बनाने की कोशिश हुई।
● 18 फरवरी 2007- समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, 68 मरे, 50 घायल, सेना की इंटेलीजेंस ने इस्लामिक आतंकवादी संगठन लश्करे तैय्यबा का हाथ बताया… कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद बनाने के चक्कर में भारतीय सेना के कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जेल में 7 वर्ष तक भयानक यातनाएं दी… 9 वर्ष बाद पुरोहित जेल से बाहर आये।
● हैदराबाद की मक्का मस्जिद में ब्लास्ट, 16 मरे 100 घायल, हरक़त उल जिहाद अल इस्लामी का हाथ… कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की असफल थ्योरी एक बार फिर सिद्ध करने का प्रयास किया।
● 14 अक्टूबर 2007- लुधियाना के थियेटर में ब्लास्ट, 6 लोग मरे
● 24 नवम्बर 2007- उत्तर प्रदेश में लखनऊ, अयोध्या और बनारस के न्यायालयों में सीरियल बम बलास्ट, 16 मरे 79 घायल
● 1 जनवरी 2008- रामपुर उत्तर प्रदेश में CRPF कैम्प पर हमला, 8 मरे 7 घायल, लश्करे तय्यबा का हाथ।
● 13 मई 2008- जयपुर के छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़, मानकपुर पुलिस स्टेशन एरिया, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, कोतवाली क्षेत्र में RDX द्वारा 9 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट, 63 मरे, 200 घायल, हरकत-उल-जिहाद उल इस्लामी ने ली जिम्मेदारी।
● 25 जुलाई 2008- बैंगलुरु में में 8 सीरियल ब्लास्ट, 2 मरे 20 घायल
● 26 जुलाई 2008- गुजरात के अहमदाबाद में 17 जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट, 35 मरे 110 घायल… मुफ़्ती अबू बशीर मास्टर माइंड… अब्दुल कादिर, हासिल मोहम्मद, हुसैन इम्ब्राहीम ने मिलकर कराची (पाकिस्तान) में बैठे नेटवर्क की सहायता से बम विस्फोट किये।
● 13 सितंबर 2008- दिल्ली के गफ्फार मार्केट, बारहखम्भा रोड, GK1, सेंट्रल पार्क में 31 मिनट के अंदर 5 बम ब्लास्ट हुए, 4 अन्य बम निष्क्रिय किये गए, 33 मरे और 150 से ज्यादा घायल… स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आठ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।
● 27 सितंबर 2008- दिल्ली महरौली के इलेक्ट्रानिक मार्केट में 2 बम ब्लास्ट, 3 मरे और 33 घायल।
● 1 अक्टूबर 2008- अगरतल्ला में बम विस्फोट, 4 मरे 100 घायल
● 21 अक्टूबर 2008- इम्फाल में बम विस्फोट, 17 मरे 50 घायल
● 30 अक्टूबर 2008- असम में बम विस्फोट, 81 मरे और 500 से ज्यादा घायल
● 28 नवम्बर 2008- मुम्बई हमला ताज होटल, ओबेराय होटल, कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर आतंकवादी हमला, 166 लोग मारे गए 600 से ज्यादा घायल।
● 1 जनवरी 2009- गुवाहाटी में बम ब्लास्ट, 6 मरे 67 घायल
● 6 अप्रैल 2009, गुवाहाटी में बम ब्लास्ट, 7 मरे 62 घायल
● 13 फरवरी 2010- पुणे की जर्मन बेकरी में बम ब्लास्ट,17 मरे 70 घायल… सिमी इंटरनेशनल मुजाहिद्दीन इस्लामिक मुस्लिम फ्रंट के भारतीय शाखा द्वारा किया गया बम ब्लास्ट।
● 7 दिसम्बर 2010- दशास्वमेध घाट पर गंगा आरती के समय बम ब्लास्ट, 3 मरे 36 घायल… स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।
● 13 जुलाई 2011- मुबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बाज़ार और दादर एरिया में भीषण बेम ब्लास्ट, 26 मरे 130 लोग घायल… स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।
● 7 सितंबर 2011- दिल्ली हाईकोर्ट में बम ब्लास्ट, 17 मरे और 180 लोग घायल… हरकत उल जिहाद अल इस्लामी के आउटफिट का भारतीय मेडिकल छात्र वसीम अकरम मालिक बम बलास्ट का मास्टरमाइंड।
● 13 फरवरी 2011- इजराइली डिप्लोमेट की कार को बम से उड़ाने का प्रयास, बम सही से फटा नहीं, 4 घायल… भारतीय पत्रकार मुहम्मद अहमद काज़मी की संलिप्तता।
● 1 अगस्त 2012- पुणे ब्लास्ट, स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया के आउटफिट इंडियन मुजाहिद्दीन ने किये ब्लास्ट।
● 21 फरवरी 2013- हैदराबाद की हैदाराबाद में 2 बम ब्लास्ट, 18 मरे और 131 घायल… इंडियन मुजाहिद्दीन का फाउंडर यासीन भटकल, असदुल्लाह अख्तर, तहसीन अख्तर, एजाज शेख बम ब्लास्ट के मास्टरमाइंड।
● 17 अप्रैल 2013- बैंगलोर में बम ब्लास्ट,14 लोग गंभीर रुप से घायल
● 7 जुलाई 2013- बोधगया मे ब्लास्ट, 5 लोग गंभीर रूप से घायल… म्यांमार में रोहंगिया आतंकवादियों के खिलाफ हुई कार्यवाही के विरोध में भारत के बिहार के बोध गया में उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, मुजीबुल्लाह अंसार, हैदर अली, इम्तियाज अंसारी ने बिहार को दहलाने की रची थी साजिश।
● 27 अक्टूबर 2013- को पटना में, नरेंद्र मोदी की रैली में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा 8 बम ब्लास्ट, 6 मरे 85 घायल…लाखों की भीड़ में भगदड़ मचा कर हजारों को मारने की साजिश… मोदी और मैनेजरों की समझदारी से भगदड़ नही मची… मोहम्मद तहसीन अख्तर मास्टरमाइंड… चिकमंगलूर मदरसे से प्रेरित होकर किया ब्लास्ट… मुज़्बुल्ला, हैदर अली, नुमान, तारिक अंसारी ब्लास्ट के बाद फरार।
● 1 मई 2014- चेन्नई में गुवाहाटी बैंगलोर एक्सप्रेस में बम बलास्ट, 2 मरे 14 गंभीर रूप से घायल।
इन आंकड़ों में 10 वर्ष में हुए वामपंथी माओवादियों द्वारा किये गए हमले और जम्मू कश्मीर में किये गए हमले शामिल नहीं है, क्योंकि वो अलग विषय है।
यहां एक बात और याद दिलाना जरूरी है कि जब बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ था और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी उस में मारे गए तो तत्कालीन कांग्रेस की मुखिया श्रीमती सोनिया गांधी उन आतंकवादियों की लाशों को देखकर फूट फूट कर रोई थी, जैसे कि कोई अपने घर का चला गया हो।
2014 में मोदी के आने के बाद से Jan 2019 में इस लेख के लिखे जाने तक मुझे याद नहीं कि दिल्ली की सड़कों, हैदराबाद, अहमदाबाद और अयोध्या के चौराहों पर, जयपुर और बनारस की गलियों में कोई ऐसा बम ब्लास्ट हुआ हो, जहां कोई मंदिर या मस्जिद जाने वाला, कोई दिवाली के लिए खरीदारी करने वाला, कोई रेस्टोरेंट में अपने परिवार के साथ बैठा व्यक्ति या मुम्बई की लोकल ट्रेन में यात्रा करता एक नागरिक बम ब्लास्ट में चीथड़े हो जाए और अगले दिन वह नहीं बल्कि उसकी लाश उसके घर पहुंचे।
जानते हैं क्यों ?? क्योंकि इस देश में आम चुनाव द्वारा *इलैक्टेड प्रधानमन्त्री* Narendra Modi का राज है… जबकि आज से पहले आतंकवादियों के लाश पर आँसू बहाने वालों द्वारा *सलेक्टेड प्रधानमंत्री* का राज था… राजनाथ सिंह को हमने बहुत बार *निंदानाथ* कहा… परन्तु गृहमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल सफल रहा कि देश के अंदर वो रक्तपात नही हुआ, जिसका गवाह ये देश 2004 से 2014 तक बना… मेरे लिए तो यही एक कारण काफी है कि तमाम असहमतियों के बाद भाजपा को वोट दिया जाए… किसी भी मंदिर मस्जिद या विकास को देखने के लिए आपके और आपके परिवार का जीवित रहना बहुत जरूरी है. बाकि आप वोट जरूर करें, सोच समझकर करें, अपना निर्णय स्वयं लें।