अपने सांसद पद से त्यागपत्र देकर अखिलेश विधानसभा में भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा संभालने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर वे दिल्ली में संसद की कमान अपने गठबंधन के साथी रालोद के चौधरी जयंत को सौंपने जा रहे हैं।
जयंत को राज्यसभा भेजने की तैयारी सपा कर रही है। यूपी विधानसभा 2022 में मजबूती के साथ बनकर उभरा विपक्षी गठबंधन अब और मजबूत होने की तैयारी में है। इसके लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गठबंधन के अन्य घटक दल प्रयास कर रहे हैं।
जून और जुलाई 2022 में राज्यसभा की कुछ सीटें खाली होने वाली हैं। इसके के लिए सपा रालोद की ओर से जयंत को राज्यसभा का सदस्य बनाने की तैयारी की जा रही है। पश्चिमी उप्र में सपा—रालोद ने भाजपा को काफी मजबूत चुनौती पेश की थी। जिसमें विधानसभा चुनाव 2022 में बहुमत पाने में भाजपा को अखिलेश यादव और रालोद के चौधरी जयंत ने परेशान भी किया था।
यह गठबंधन भले ही सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सका लेकिन फिर भी पश्चिमी उप्र में मजबूती के साथ उभरे इस गठबंधन के चुनावी नतीजों से अखिलेश और जयंत के चेहरे खिले हुए हैं।