नई योगी सरकार में बीजेपी का फोकस 202 चुनावों पर

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। योगी कैबिनेट में इस बार लोकसभा चुनाव पर खास फोकस के साथ मंत्रियों का चयन किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 52 सदस्यों की नई कैबिनेट में सवर्णों के साथ-साथ पिछड़े वर्ग, अति पिछड़ी जातियों को भी विशेष स्थान दिया गया है, साथ ही मुसलमानों और सिखों को भी जगह दी गई है। इस कैबिनेट में बीजेपी ने अपने कोर वोट बैंक ठाकुर और ब्राह्मण समुदाय के साथ जाटों और भूमिहारों का ख्याल रखा है।

यूपी कैबिनेट में जाति समीकरण देखें तो कैबिनेट में योगी समेत 4 ब्राह्मण, 2 वैश्य और 6 ठाकुर को मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा दलित समुदाय से 4 मंत्री बनाए गए हैं। मोहसिन रजा की जगह इस बार योगी सरकार में मुस्लिम चेहरे के रूप में दानिश आजाद को लिया गया है, जबकि सिख समुदाय के बलदेव सिंह को फिर से राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है।

भाजपा ने यूपी में मंत्रिमंडल के माध्यम से सामाजिक समीकरण के साथ राजनीतिक संदेश का प्रयोग किया है। कैबिनेट में ओबीसी और दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली बीजेपी के साथ-साथ अपने मूल वोटबैंक के साथ, यह स्पष्ट है कि बीजेपी एक योगी सरकार के माध्यम से 2024 के लोकसभा चुनावों की रणनीति पर काम कर रही है।

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