80% लोगों के खून में मिल रहे हैं माइक्रोप्लास्टिक, पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट

एक अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार 80 प्रतिशत लोगों के रक्त में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया। डच शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, प्लास्टिक का सबसे चर्चित रूप, पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट, मानव रक्त में पाया जाता है।

पीईटी का उपयोग आमतौर पर पानी की बोतलों, भोजन और कपड़ों की पैकेजिंग में किया जाता है।

यह स्पष्ट है कि प्लास्टिक के कण श्वास के माध्यम से या भोजन के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश करते हैं। इतना ही नहीं खून में प्लास्टिक मिलने से शरीर में सूजन की शिकायत बढ़ सकती है।

कुछ समय पहले खबर आई थी कि माइक्रोप्लास्टिक समुद्री जीवों के शरीर में पहुंच रहा है जिससे समुद्री जीवों की अचानक मौत हो गई। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक डुगोंग स्तनपायी की भी सिंगापुर के समुद्र में मौत हो गई। यह मछली एक दुर्लभ प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है।

अध्ययन के परिणामों में 22 रक्त नमूनों में से 17 के रक्त नमूनों में प्लास्टिक की अच्छी मात्रा पाई गई। पीईटी के बाद रक्त के नमूनों में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम प्लास्टिक पॉलीस्टाइनिन है।

इसके अलावा वैज्ञानिकों को पॉलीथिन मिली जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक की थैलियां बनाने में किया जाता है। जांच किए गए 50 फीसदी लोगों के खून में पॉलीथिन और टेरिफ्थेलेट का स्तर पाया गया। जबकि 36 फीसदी लोगों के खून में पॉलीस्टाइरीन मौजूद था।

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