मथुरा के श्रीकांत शर्मा को मंत्री पद नहीं, लक्ष्मीकांत बने मंत्री

”काशी के बाद अब मथुरा की बारी है’’ का नारा देने वाले कार्यकर्ताओं को इस खबर से हैरानी हो रही है कि योगी कैबिनेट में मथुरा के कद्दावर मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा को जगह नहीं मिल पाई है।

इस बार इस क्षेत्र के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर पार्टी ने लक्ष्मी नरायण चौधरी पर भरोसा जताया है। लक्ष्मी नारायण चौधरी 1985 में लोकदल के टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। वह इस बार पांचवी बार विधायक बने। राजनीतिक अनुभव और जाट बाहुल्य क्षेत्र में मजबूत पकड़ के चलते उन्हें योगी कैबिनेट में शामिल किया गया है।

लक्ष्मी नरायण चौधरी पिछली योगी सरकार में भी डेयरी विकास, पशुपालन मत्स्य पालन, पर्यटन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहे हैं।

शपथ ग्रहण के बाद लक्ष्मी नरायण चौधरी ने ‘काशी के बाद अब मथुरा की बारी है’ वाले पर बयान पर कहा कि वैसे तो मामला न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन लाखों कृष्ण भक्तों की ये आस्था का विषय है।

जैसे अयोध्या और काशी में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ ठीक वैसे ही मथुरा में भी भगवान कृष्ण का मंदिर बनना चाहिए।

एलएलबी पास चौधरी लक्ष्मी नारायण की पहचान बड़े जाट नेता के रूप में है। भाजपा ने उन्हें दोबारा कैबिनेट मंत्री बनाकर जातिगत समीकरण साधने का प्रयास किया। 

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