नई दिल्ली लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ऐसे वादे करते रहें हैं, जिन्हें कि वो कभी पूरा नहीं कर सकते। दिल्ली के स्थानिए छात्रों के लिए दिल्ली के उच्च शिक्षा संस्थानों में 85 प्रतिशत आरक्षण लागु करने की माँग भी एक ऐसा ही दिवास्वप्न है जिसे कि वो दिल्ली के जनता को दिखा रहे हैं। आम चुनाव के बाद उन्हें खुद भी इसकी याद नहीं रहेगी। केजरीवाल को हम उनके 2015 के चुनावी घोषणापत्र की याद दिलाना चाहेंगे जिसमें उन्होंने दिल्ली में 500 नए स्कूल एवं 20 नए डिग्री कालेज खोलने के वादे किए थे। लेकिन पिछले 4 वर्षों में दिल्ली सरकार के अंतर्गत ना तो कोई एक स्कूल खुल पाया और ना हीं कोई डिग्री कालेज। यह दिल्ली के मतदाताओं को चाँद की सैर कराने जैसा वादा सिद्ध हुआ।
श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है तथा जैसा कि हम सभी जानते हैं कि उच्च शिक्षा के बड़े संस्थान जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय एवं जेएनयू आदि केंद्रीय शासित विश्वविद्यालय हैं, जहाँ कि डोमिसाइल अथवा निवास के आधार पर सीटों का आरक्षण नहीं किया जा सकता। पूरे देश एवं यहाँ तक की विदेशों से भी बड़ी संख्या में छात्र यहाँ शिक्षा की उच्च गुणवत्ता हेतु पढ़ने आते हैं और वो भविष्य में भी आते रहेंगे। इसका समाधान ये है कि दिल्ली राज्य प्रशासन के अंदर उच्च गुणवत्ता के नए-नए डिग्री कालेज एवं विश्वविद्यालय खोले जाएँ जिनमे स्थानिए छात्रों को ज््यादा से ज्यादा दाखिला मिल सके। लेकिन, अब तक एक भी स्कूल, कालेज अथवा विश्वविद्यालय आदि दिल्ली राज्य में नहीं खोले गए। अतः यह समस्या केजरीवाल की अपनी बनाई समस्या है। अब समस्या के सच्चे समाधान के बजाय केजरीवाल जनता को एक बार फिर से बेवकूफ बना रहे हैं। दिल्ली की जनता समझदार है और दिल्ली के लोग केजरीवाल को समझ चुके हैं। अतः इनके इन लुभावने वादों का दिल्ली के मतदाताओं पर असर नहीं होने वाला।