पाकिस्तान की संसद को भंग कर तीन महीने में चुनाव कराने का फैसला किया गया। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रही है।
सेना का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव के पीछे किसी विदेशी ताकत का हाथ नहीं है। पाकिस्तान संसद के अध्यक्ष कासिम खान ने रविवार को कहा कि इमरान खान की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विदेशी ताकतें अविश्वास प्रस्ताव ला रही हैं।
दूसरी ओर, इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेशी शक्तियों के आरोपों को पाकिस्तानी सेना ने खारिज कर दिया और इमरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि अविश्वास प्रस्ताव के पीछे न तो विदेशी और न ही अमेरिकी सेना का हाथ था। यह एक आंतरिक मामला है और इसका अन्य देशों से कोई लेना-देना नहीं है।
इसका सबूत भी हमारे पास है। इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने 27 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई थी जिसका मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि क्या सरकार को उखाड़ फेंकने के पीछे विदेशी ताकतें थीं। इस संबंध में इमरान खान ने एक पत्र भी जारी किया है।
यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान में तीन महीने के भीतर चुनाव होंगे या नहीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि चुनाव आयोग ने पहले कहा था कि तीन महीने के भीतर राष्ट्रीय स्तर पर आम चुनाव कराना मुश्किल है।