रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और रूस से हथियारों और कच्चे तेल की खरीद के खिलाफ अमेरिका की चेतावनियों के बावजूद, भारत को रूस से एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की डिलीवरी जारी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की दूसरी रेजिमेंट के हिस्से भारत पहुंच चुके हैं और पूरी रेजिमेंट इस महीने के अंत तक भारत पहुंच जाएगी।
S-400 की पहली रेजिमेंट की डिलीवरी दिसंबर 2021 में की गई थी और दूसरी रेजिमेंट के इस जून तक भारत पहुंचने की उम्मीद थी। यूक्रेन के साथ युद्ध के मद्देनजर रूस द्वारा एस-400 की दूसरी रेजिमेंट की डिलीवरी पर भी संदेह किया गया था। रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि रूस ने एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की दूसरी रेजिमेंट तय समय से पहले देकर कड़ा संदेश दिया है।
भारत ने भी अमेरिका के तीव्र दबाव के बावजूद रूस से हथियार और कच्चा तेल खरीदना जारी रखा है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका भी भारत पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत में एस-400 की दूसरी रेजिमेंट के आने के साथ ही इसे पूर्वोत्तर भारत में चीनी सीमा के पास तैनात किए जाने की संभावना है। दूसरी S-400 रेजिमेंट की डिलीवरी के साथ, चीन के साथ पाकिस्तान-उत्तर-पश्चिम सीमा पर भारत की वायु रक्षा पूरी तरह से अभेद्य हो जाएगी।
भारत ने अक्टूबर 2015 में रूस के साथ 5 अरब के अनुबंध के माध्यम से पांच एस-400 वायु रक्षा प्रणालियां खरीदीं। यह रक्षा प्रणाली चीनी या पाकिस्तानी लड़ाकों द्वारा उत्पन्न खतरों पर नज़र रखने, भ्रमित करने और उनका मुकाबला करने में सक्षम है। यह प्रणाली कई स्तरों पर कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और एक ही समय में उन्हें अप्रभावी बना सकती है।